देहरादून. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए लगातार राज्य से जुड़े मसलों पर अपनी तत्कालीन सरकार व नीतियों का जिक्र कर रहे हैं. उन्होंने इस बार उत्तराखण्ड व उत्तराखण्ड के बाहर बसे हुए प्रवासी बंधु और उत्तराखण्ड के शुभचिंतकों से अपील कि वे उनसे फेसबुक पेज के माध्यम से जुड़ें।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा कि मैंने अपने लेखन सीरीज में उत्तराखण्ड के लिए क्या लाभदायक है, क्या हमारी योजनाएं थी, उनको #जो न हो सका शीर्षक के तहत तेरह लेखों में वर्गीकृत किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले मैंने ‘‘उत्तराखण्ड से उत्तराखण्डियत तक की यात्रा’’ को लेकर भी एक सीरीज में कुछ छोटे-2 लेख लिखे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि अब मैं 3 श्रृंखलाओं में अपने फेसबुक पेज पर यह लिख रहा हूं कि कौन सी योजनाएं ऐसी थी, जिनको मैं अपने कार्यकाल में परवान नहीं चढ़ा सका और कौन सी योजनाएं ऐसी थी जो मेरी सरकार जाने के बाद, नई सरकार ने आते ही जिनकी भ्रूण हत्या कर दी और कुछ योजनाएं जिनकी बाल हत्या कर दी गई। #मेरा गांव-मेरी सड़क जैसी योजना जिनकी भरी जवानी में हत्या कर दी गई, मैं उनका उल्लेख भी कर रहा हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि जो लेख मैंने लिखे हैं, आने वाले लोगों के लिये बहुत काम आयेंगे। इनसे एक वैचारिक मंथन चल सकता है। उन्होंने लिखा आपके मन और आपसे जुड़े हुये लोगों के बीच में भी चल सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि जो मेरे साथ फेसबुक पेज, टि्वटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर जुड़े हुए हैं इन्हें जरूर देखें और जो लोग नहीं जुड़े हैं, यदि उन तक मेरा संदेश पहुंच रहा है, तो वो भी जुड़ें और जो जुड़े हैं वो अपने #अड़ोस-पड़ोस, दोस्तों, ईस्ट मित्रों से भी मेरे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिये कहें ताकि उन तक भी मैंने उत्तराखण्ड के विषय में क्या सोचा, क्या किया, उस सब की जानकारी पहुंच सके।