मुंबई. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आज महाराष्ट्र के माहामहिम राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने अपने सालभर के वेतन से 30% की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान किया है. कोरोना संकट से उबरने के लिए प्रधानमंत्री जी की अपील पर बड़ी संख्या में लोग अपने वेतन का हिस्सा कोरोना से लड़ने उपचार व राहत सुविधाएं सुलभ कराने के लिए दान दे रहे हैं.
माहामहिम राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी जी ने भी स्वेच्छा से सालभर के वेतन का 30 फीसदी हिस्सा व मार्च महीने का पूरा वेतन प्रधानमंत्री कोष में देने की घोषणा की है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी इन दिनों महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर विराजमान हैं. देश में कोरोना की बढ़ते मरीजों की संख्या में महाराष्ट्र भी ऐसा प्रदेश है जहां कोरोना का सबसे अधिक कहर देखा जा रहा है.
सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती
आपको बता दें कि सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है जिससे साल भर तक सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती होगी. सरकार की तरफ से जानकारी भी दी गई है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने भी स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कटौती करने की सिफारिश की है.
इसके अलावा मोदी सरकार ने फैसला किया है कि दो सालों के लिए सांसद निधि (MP LAD) का पैसा जारी नहीं होगा. प्रत्येक सांसद को हर साल विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपए सांसद निधि के तौर पर मिलते हैं. फैसले के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच सांसद सदस्यों को सांसद निधि का पैसा नहीं मिलेगा. इसके जरिए 7900 करोड़ रुपयों की बचत होगी जिसे कोरोना से लड़ने पर खर्च किया जाएगा. कांग्रेस ने वेतन कटौती का तो समर्थन किया है लेकिन सांसद निधि को रोकने पर सवाल खड़े कर इसे फिर से बहाल करने की मांग कर दी है.