दिल्ली. कहते हैं समय बड़ा बलवान होता है. जिसकी बनागी आज उत्तराखंड में देखने को मिली. जैसे की सभी को विदित है कि उत्तराखंड में जन सेवा के पटल पर हंस फाउंडेशन माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. स्वास्थ्य की बात करें तो आज के समय में उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में कोई अस्पताल ऐसा नहीं है, जिसे हंस फाउंडेशन का सहयोग न मिल रहा हो.
उत्तराखंड में तमाम अस्पतालों का कायाकल्प हो या इन अस्पतालों में आईसीयू की स्थापना करना हो. हंस फाउंडेशन ने पिछले दस वर्षों में उत्तराखंड में स्थापित अस्पतालों को अत्याधुनिक तकनीकी से लेस कर पहाड़ के हर ग्रामीण तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में अग्रणीय भूमिका निभा रहा है.
इस कड़ी में हंस फाउंडेशन ने इन अस्पतालों को अत्याधुनिक तकनीकी से लेस एम्बुलेंस प्रदान की है. आज यही एम्बुलेंस उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता रावत के लिए जीवनदायनी बनकर आई. दरअसल उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी एवं राज्य की पूर्व मंत्री अमृता रावत को आज इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया.
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस एम्बुलेंस से अमृता रावत को देहरादून से एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. वह एम्बुलेंस सतपाल महाराज के छोटे भाई भोले जी महाराज की संस्था हंस फाउंडेशन की है और यह किससे छुपा है कि सतपाल महाराज और श्री भोले जी महाराज जी के रिश्ते किस तरह के हैं.
अत्याधुनिक सुविधाओं लेस हैं हंस फाउंडेशन की एम्बुलेंस
बताया जा रहा कि इस बारे में जब राज्य सरकार के अधिकारियों ने सतपाल महाराज को अवगत कराया कि इस अत्याधुनिक सुविधाओं लेस एम्बुलेंस से बेहतर कोई दूसरी एम्बुलेंस राज्य में नहीं है तो सतपाल महाराज के पास इस बारे में कुछ भी कहने को नहीं था. लेकिन उत्तराखंड में चर्चा है कि आखिर सतपाल महाराज और अमृता रावत के लिए वही हंस फाउंडेशन जीवनदायिनी बना जो हर आपात स्थिति में देश के साथ खड़ा दिखता है. जिसके बाद अमृता रावत को हंस फाउंडेशन की अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस इस एम्बुलेंस से एम्स ऋषिकेश ले जाया गया.
-दिल्ली ब्यूरो