देहरादून. उत्तराखंड से कांग्रेस खेमे से बड़ी खबर आ रही है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा उत्तराखंड पीसीसी की जो नई कमेटी बनाई गई है उसमें राज्य के आला नेताओं को उचित स्थान न मिलने से कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं. पार्टी के द्वारा इस अनदेखी के धारचूला के विधायक हरीश धामी ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है.
धारचूला के विधायक हरीश धामी ने पार्टी द्वारा उन्हें दिए गए मामूली सचिव पद लेने से इंकार कर दिया है और राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे जल्द क्षेत्रीय पार्टी उक्रांद से जुड़ सकते हैं. कांग्रेस ने 25 जनवरी को जारी उत्तराखंड के पीसीसी सदस्यों की सूची में 98 नेताओं को सचिवों के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है, जिनमें कई ऐसे लोग हैं, जो ब्लाक स्तर के ही नेता हैं.
धामी को छोड़ कर अन्य पूर्व विधायकों को पीसीसी में उपाध्यक्ष के पद से नवाजा गया, जबकि पार्टी के कर्मठ नेता और वर्तमान विधायक को नजरअंदाज कर उन्हें अंतिम 98 नंबर पर सचिव बनाया गया. पार्टी के लिए समर्पित सिपाही के रूप में कार्य करने वाले विधायक हरीश धामी अपनी अनदेखी को अब बर्दाशत करने के मूड में नहीं हैं.
@RahulGandhi जीं आपकी नेताओं ke कारण इनकी मानसिक घटिया सोच ke कारण आज हम 11 सदस्यों में आ गए हैं उत्तराखंड मे.@dhamiiharish जी ऐसे विधायक हे जिसने मोदी लहर को भी चीर कर कोंग्रेस का विजय परचम लहराया ओर आज @INCUttarakhand उनकी उपेक्षा कर रही है हम इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं https://t.co/AFNMoJKOoC
— Harish Dhami | MLA | धारचुला | (FC) (@iamharishdhami) January 25, 2020
एक चैनल को दिए साक्षात्कार व अपने टवीटर हैंडिल में धामी ने पार्टी के इस निर्णय की खुलकर खिलाफत की है. धामी ने कहा कि मैं सोमवार को पार्टी को अपना निर्णय बता दूंगा. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों में क्षेत्रीय जनाधार वाले नेताओं की कद्र नहीं है. धामी ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों में सिर्फ वे लोग ही आगे बढ़ सकते हैं, जिन्हें विरासत में राजनीति मिली हो, जनता के लिए संघर्ष करने वालों के लिए वहां कोई कद्र नहीं है.
कांग्रेस प्रदेश संगठन ने मुझे जो पद दिया हैं मैं उस पद से इस्तीफ़ा देता हु और इस बाबत इस्तीफ़ा सोमवार को माननीय प्रीतम सिंह तक पहुँच जाएगा .. और इसी माध्यम से मैं बहुत जल्द कांग्रेस छोड़ने की तिथि की घोषणा करूँगा .. धन्यवाद । कांग्रेस ने मुझे जो भी दिया उसका आभार 🙏 pic.twitter.com/znzzBXNIno
— Harish Dhami (@dhamiiharish) January 25, 2020
धामी ने संकेत दिया कि उत्तराखंड राज्य निर्माण की जो परिकल्पना संजोई गई थी वह भी तब ही साकार हो सकती है जब राज्य में क्षेत्रीय दल की सत्ता हो, ऐसे में धामी के इस बयान से कयास यही लगाए जा रहे हैं कि राज्य के कद्दावर नेता धामी जल्द उक्रांद से जुड़कर राज्य में नया राजनीतिक इतिहास बनाने की जिम्मेदारी निभा सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि धारचूला के विधायक हरीश धामी अपने क्षेत्र में जबर्दस्त लोकप्रियता वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं. 2012 के चुनाव में धारचूला की सीट 27 सालों के बाद कांग्रेस की झोली में डालकर जीत का इतिहास रचा था. मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ने का बड़ा दिल रखने व पद के त्याग के लिए भी हरीश धामी जाने जाते हैं. हरीश धामी कांग्रेस के ऐसे विधायक रहे जो 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बाद भी अपने किले को फतह करने में कामयाब रहे़ धामी के द्वारा जारी वीडियो संदेश में उन्होंने अपने राजनीतिक गुरू हरीश रावत का हमेशा सम्मान करने की बात कही, किंतु अब पार्टी में बने रहने की गुंजाइश खारिज की.