देहरादून. पलायन से खाली हो चुके उत्तराखंड के गांवों में एक बार फिर चहल पहल बढ़ने के असार दिखने लगे हैं. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने और गांवों को आबाध रखने के लिए सरकार ने होम स्टे योजना के अंतर्गत आवास भत्ते को हाल ही में मंजूरी दे दी. माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ने में मदद मिलेगी.
उत्तराखंड सरकार ने होम स्टे में आवास करने पर अवस्थापन भत्ता देने पर मुहर लगा दी है. अब सरकारी कर्मचारी शासकीय गेस्ट हाउस, विश्रामगृह, होटल के साथ-साथ राज्यान्तर्गत होम स्टे में रहने पर कुछ दरों के साथ अवस्थापन भत्ता पाने के हकदार होंगे. पर्यटन विभाग के अनुसार होमस्टे योजना उत्तराखंड में पलायन को रोकने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है.
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रमण के दौरान स्थानीय होमस्टे में निवास करें. जिससे स्थानीय होमस्टे व्यवसायियों को अधिक मात्रा में व्यवसाय मिल सके और उन्हें प्रोत्साहन भी मिले. इसके साथ ही सरकारी कार्मिकों के जरिए होमस्टे किए जाने से आमदनी में वृद्धि होगी. होमस्टे योजना के जरिये युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए सरकार सोशल मीडिया, वेबसाइट, टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कर रही है. इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर प्रोत्साहन और जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं.
योजना के बारे में
होम स्टे योजना के अंतर्गत अधिकतम 10 लाख रुपए तक की पूंजीगत सब्सिडी और हर साल अधिकतम डेढ़ लाख रुपए की ब्याज सब्सिडी पहले 5 वर्षों तक दिए जाने का प्रावधान किया गया है. अब तक लगभग 2000 आवास होमस्टे के रूप में पंजीकृत हो चुके हैं.
इस योजना की पूरी जानकारी पर्यटन विभाग की वेबसाइट, जनपद स्तरीय पर्यटन कार्यालयों और पर्यटक सूचना केंद्रों से हासिल की जा सकती है. उत्तराखंड शासन के जरिए ये सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है.