मुंबई. कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के उपायों के लिए देशभर में किए गए लाकडाउन के बाद देश में सभी रेल सेवाओं को भी बंद किया गया था. लाकडाउन के कारण हजारों की संख्या में उत्तराखंडी युवा अपने गांव नहीं पहुंच पाए हैं. रेलवे ने 14 अप्रैल तक सभी यात्री ट्रेनों को रद्द करने का एलान कर रखा है. रेलवे ने आरक्षित और अनारक्षित टिकटों की बुकिंग पर पूरी तरह रोक लगा रखी है. लेकिन रेलवे की आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर 15 अप्रैल से चलने वाली गांव की ट्रेनों की बुकिंग शुरू है और हजारो उत्तराखंडी युवा उम्मीद लगा रहे हैं कि 15 अप्रैल से रेल सेवा फिर शुरू हो जाएगी.
भारतीय रेल के इतिहास में यह पहली बार है कि देश में रेल सेवा एक साथ इतने दिनों के लिए बंद करनी पड़ी हो. लाकडाउन के बाद लोग अपने अपने गांव जाने के लिए रेलसेवा खुलने का बेसब्री से इंजतार कर रहे हैं. 14 अप्रैल के बाद लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब रेल सेवा शुरू हो और वे अपने घर-गांव पहुंचे.
गुजरात, कर्नाटक, हैदराबाद आदि शहरों में बड़ी संख्या में उत्तराखंडी युवा होटल और अन्य नौकरियों के बंद होने से गांव लौटने का इंतजार कर रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा संख्या मुंबई से उत्तराखंड जाने वाले युवाओं की है. 14 अप्रैल तक की यात्रा के लिए काउंटर व ऑनलाइन के माध्यम से बुक किए गए टिकट रद्द कर दिए गए हैं. मुंबई के समाजसेवियों द्वारा उत्तराखंडी यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए 14 अप्रैल के बाद कई अतिरिक्त ट्रेनें शुरू किए जाने की मांग हो रही है. मध्य रेलवे के एक सूत्रों के अनुसार 14 के बाद लॉक डाउन खत्म होने पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी.
करोड़ों का हो चुका है नुकसान
लाकडाउन के दौरान ट्रेनें न चलने से वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे का 350 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. इनमें से अकेले वेस्टर्न रेलवे का 207.11 करोड़ का नुकसान होने की जानकारी मिली है. इसी तरह पिछले 10 दिनों में मध्य रेलवे का भी 140 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. बताया गया है कि वेस्टर्न रेलवे ने लगभग 21 लाख यात्रियों का टिकट वापस कर 132 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिफंड दिया है. आईआरसीटीसी के एक अधिकारी के अनुसार जब तक कोई नया निर्णय नहीं होता तब तक 15 अप्रैल और उसके बाद की ट्रेनों की बुकिंग शुरू रहेगी. पीआरएस काउंटर 14 अप्रैल तक बंद रखा गया है.