देहरादून. सोमवार को कांवड़ यात्रा के परिपेक्ष्य में डीजीपी श्री अशोक कुमार (Ashok Kumar IPS, DGP) की अध्यक्षता में 17वीं अन्तर्राज्यीय व अन्तरइकाई समन्वय बैठक (17th Inter State & Inter Agencies Co-ordination Meeting) का आयोजन पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, रेलवे सुरक्षा बल, आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन प्रतिभाग किया.
डीजीपी श्री अशोक कुमार (DGP Shri Ashok Kumar) ने अपने उद्बोधन में कहा कि दिनांक 14 से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है. कांवड़ एक बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है. हम सभी को इसकी चुनौतियों का पता है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित थी. इस बार काफी अधिक संख्या में शिवभक्तों के आने की संभावना है.
इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल व शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराना है. उन्होंने अधिकारियों से अभी से कांवड़ यात्रा (kanwar yatra) हेतु पुलिस प्रबन्ध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े.
इस वर्ष सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सैक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें लगभग 9-10 हजार कर्मी पुलिस व्यवस्था में लगेंगे. सुरक्षा व्यवस्था हेतु ड्रोन, सीसीटीवी का इस्तेमाल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा. साथ ही शिवभक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की जायेगी की कांवड़ यात्रा को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करें.
उत्तराखंड के डीजीपी श्री अशोक कुमार ने कहा कि सीमावर्ती प्रदेशों से अपेक्षा की जाती है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों का अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें. साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम/मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों को लिए हरिद्वार से हटकर तैयार किये गये अलग रुट का भी प्रचार-प्रसार किया जाये. साथ ही निर्देश दिए कि घटनाओं एवं तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान करने हेतु सीमावर्ती जनपदों के जनपद, सर्किल, थाना एवं चौकी स्तर पर संयुक्त व्हट्सएप ग्रुप बना लिए जाएं.