नवीमुंबई. कौथिग मंच पर नौवीं संध्या में माताश्री मंगला व भोलेजी महाराज के दिव्य दर्शन हुए. माताश्री मंगला जी ने सभी प्रवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कौथिग जैसे आयोजन से उत्तराखंड की संस्कृति के विस्तार के साथ साथ उत्तराखंडियों की पहचान को भी नया आयाम मिला है. माताश्री ने कहा कि हम देवभूमि के लोग अपनी सांस्कृतिक, सामाजिक जिम्मेदारियों को तत्परता से पूरा करने के कारण ही दुनिया में खास स्थान रखते हैं. माताश्री के हाथों इस अवसर पर मुंबई की लोकप्रिय गायिका शिवानी सौंड के गीत कौसानी बाजार चंदना का विमोचन भी हुआ.
मंच पर आए देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रौशन करने वाले सितारे
वहीं अतिथि के रूप में दिल्ली के समाजसेवी व अधिवक्ता संजय दरमोड़ा जी, अभिनेता बृजेश काला जी, अभिनेत्री त्विसा भट्ट, गणेश मर्तोलिया जी (आईजी उत्तराखंड पुलिस-राज्य मंत्री), नूरी पर्विन अली, राधिका भाकुनी ( कल्पतरु ग्रुप एकाउंट एंड फाइनेंस हेड), सीमा जेजुरकर (प्रबंधक एलआईसी), राजेन्द्र बिष्ट औरंगाबाद, अरुण कुमार तिवारी (CR railway Cheif इलेक्ट्रिकल इंजीनियर), उदय नायर, विनय बडोनी, कमला बडोनी, किरण उतरैनी, भीमसिंह राठौड़, बद्रीनाथ मंदिर वसई ग्रुप, सुरेन्द्र भट्ट, उत्तराँचल समाज चारकोप गोराई मुंबई समाज, गीता जोशी, गोविंद सिंह वोरा, सावित्री पुरोहित, करमचंद पुरोहित, मनोज द्विवेदी, गीता जोशी, किशोर पंवार, रूपचन्द, किरण राउत, अरुण मोले, गौतम बंधुरे, विनोद रावत (ओएसडी वन मंत्री), सुरेश भट सूचना विभाग, आकाश, दीपक चन्द अभिनेता, विजया पन्त तुली, सचिदानंद द्विवेद्वी, मनोज गोर्कीला, बालासाहेब पाटिल (कोंकण गृहनिर्माण राज्य मंत्री), विक्रांत बाला साहेब पाटिल (उप महापौर पनवेल माहनगरपालिका), एडबोकेट दर्मियानसिंह बिष्ट सहित कई लोगों ने शिरकत की.
संयोजक वरिष्ठ पत्रकार केशरसिंह बिष्ट के संचालन में अतिथियों का सम्मान कौथिग फाउंडेशन के गिरवीर नेगी, डा. योगेश्वर शर्मा, कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी, नरेंद्र जोशी, सुरेश राणा, कार्याक्ष्यक्ष सुशील कुमार जोशी, मनोज भट्ट, महासचिव तरुण चौहान, महिपाल नेगी, दिनेश बिष्ट, राजेंद्र सिंह रावत, जगजीवन कन्याल, अनिल बिंजोला, प्रकाश चंद, सुरेश काला, विनोद भट्ट, दीपक भट्ट, गोविंद आर्य, बलवंत पवार, रूपलाल, रणजीत बिष्ट, महिपाल नेगी, महेद्र मेहरा, विजय नारियल, प्रवीण ठाकुर आदि ने किया.
संगीता के डोल दमाऊं बजी गेन…पर लगा मंडाण
शविवार को कौथिग की नौवीं संध्या में उत्तराखंड प्रवासी संगीता डौंडियाल के गीतों पर जमकर थिरके. कौथिग के समापन के एक दिवस पूर्व की शाम जैसे जैसे ढलने लगी कौथिग प्रांगण में प्रवासियों का रैला उमड़ पड़ा. हजारों श्रोताओं से भरे पंडाल में उत्तराखंड की लोकप्रिय गायिका संगीता डौंडियाल जैसे ही मंच पर अपनी प्रस्तुति देने आई श्रोताओं की करतल ध्वनि से नेरूल का आसमान गूंज उठा.
संगीता ने पहले नंदा राजजात गीत हे भगवती नंदा…तेरी डोली सजी गे…से मां भगवती को नमन किया. फिर अगली प्रस्तुति में जैसे ही डोल दमाऊं बजी गेन…गीत गाया तो कौथिग प्रांगण कुछ क्षणों के लिए मंडाल स्थल के रूप में परिवर्तित हो उठा. जिसे जहां जगह मिलीं वहीं थिरक उठा. उसके वाद है कखड़ी झिल मा…लूण पिसी सिल मा…,है पंडो खेला पांसो, मेरा बाजू रंगा बिचरी रंग दी दी मोल…रे मालू रे मालू…जैसे गीतों की झड़ी लगाकर कौथिग की नौवीं शाम अपने नाम कर दी.
सांस्कृतिक निर्देशक सुरेंद्र बिष्ट के डायरेक्शन में कौथिग की अन्य प्रस्तुतियों में गोविंद डिगारी ने भी एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत कर जमकर वाहवाही लूटी. कौथिग के 9वें दिन और शनिवार के चलते देर रात तक नाचने के मूड में आए प्रवासियों को किशन महिपाल ने भी जमकर झुमाया. किशन महिपाल ने जैसे ही किंगरी का छाला घुघुती….गाया तो श्रोताओं की फरमाइशों का दौर चल पड़ा. किशन महिपाल ने अपने चिर परिचित गीत फ्योंलड़िया गाकर श्रोताओं की फरमाइश पूरी की.