नवीमुंबई. रविवार को गणतंत्र दिवस के अवकाश होने के चलते हजारों प्रवासियों का जनसैलाब कौथिग महाकुंभ में उमड़ पड़ा. मैदान पर 3 बजे दिन से ही प्रवासी बड़ी संख्या में जुटने लगे. आलम यह था कि देशभक्ति और जन्मभूमि के प्यार के संगम कौथिग महाकुंभ में हर कोई डुबकी लगाकर उत्तराखंड की लोक संस्कृति के रंगों में रंग जाना चाहता था.
कौथिग मंच ने भी प्रवासियों की भावना के अनुरूप गढ़वाल के लोकप्रिय गायक सूर्यपाल सिरवाण, गायिका पूनम सती, कुमाऊं के लोकप्रिय गायक जितेंद्र तोमख्याल के साथ ही जौनसार के लोक कलाकारों के दल खास प्रस्तुतियों के लिए मंच पर बुलाए. कला निर्देशक सुरेंद्र बिष्ट व सुरेश काला के निर्देशन में मंच पर छलिया नृत्य, जौनसार के महासू देव की आराधना और मोड़ रे मोड़ाई रे….की रंगारंग प्रस्तुति हुई. तीसरी सांस्कृतिक संध्या में असली बारी थी सूर्यपाल सिरवाण की, जिन्होंने मां मठयाणा माई… से लेकर कई गीतों से प्रवासियों को देर रात तक थिरका दिया.
मंच पर जैसे ही सूर्यपाल ने जागर रथी छल के गीत चिटमिला कपड़ा नि लाणू…..गाया तो कई महिलाओं पर देवता जागृत हो उठे. कुमाउं के लोकप्रिय गायक जितेंद्र तोमख्याल ने अपने पहले ही धमाकेदार गीत हिटा ऐजाणु दीपा भाबर…. से कौथिग प्रांगण में उमड़े श्रोताओं को जमकर नचा दिया. पूनम सती ने भी आज नाचने के मूड में आई प्रवासियों की भीड़ की मंशा को भांप लिया और एक से बढ़कर एक गीतों से जमकर प्रवासियों की वाहवाही लूटी. इस संध्या में मुंबई की उभरती गायिका शिवानी सौंड ने सरग तारा….जुन्याली रात से कौथिग की रात उत्तराखंडी गीतों के तारों से जगमगा दी.
मंच पर तीसरी संध्या में अतिथि के रूप में वीरचक्र व सेना मेडल से समाानित ब्रिगेडियर जे.एन.एस.बिष्ट, सिने अभिनेता बरुण बुडोला, अंजली ततरारी, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, डा. दिनेश काला आदि ने शिरकत की. संयोजक वरिष्ठ पत्रकार केशरसिंह बिष्ट के संचालन में अतिथियों का सम्मान कौथिग फाउंडेशन के गिरवीर नेगी, कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी, नरेंद्र जोशी,सुरेश राणा, कार्याक्ष्यक्ष सुशील कुमार जोशी, मनोज भट्ट, महासचिव तरुण चौहान, महिपाल नेगी, दिनेश बिष्ट व पत्रकार गोविंद आर्य ने किया.