रुद्रप्रयाग। श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार जनपद की महिलाओं के लिए सौगात दे गई। जनपद में संचालित महिला समूहों के लिए यह यात्रा बेहद सुखद साबित हुई। इस वर्ष रिकॉर्ड 19 लाख 60 हज़ार से ज्यादा श्रद्धालु बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुचें जिसका सीधा प्रभाव महिलाओं की आय एवं आर्थिकी पर भी देखने को मिला।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष 70 लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार किया। अकेले चोलाई के प्रसाद से लगभग 65 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ। इसके अलावा स्थानीय हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि से पांच लाख रुपये की कमाई महिलाओं द्वारा की गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के उत्थान को किए जा रहे प्रयासों को भी इससे बल मिला है। इसी क्रम में महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर में मिलेट बेकरी ऑउटलेट की भी शुरुआत की है।
यात्रा से मिला आत्मनिर्भरता को आधार
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार का मंत्र अपना कर दूसरों को रोजगार देने की अपील से प्रभावित जिले की महिलाएं सीधे तौर पर केदारनाथ यात्रा में अपना योगदान दे रही हैं। जिसमें मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा महिलाओं को हर संभव मदद की जा रही है। जनपद में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने के साथ ही स्थानीय उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को चोलाई से निर्मित प्रसाद उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। राज्य सरकार के निर्देशन में प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
चोलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री का किया व्यवसाय
श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले केदारनाथ प्रसादम सहकारी संघ के सचिव भाष्कर पुरोहित ने बताया कि उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 35 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों की 400 से ज्यादा महिलाओं द्वारा तैयार चोलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। वहीं जनपद के काश्तकारो से 70 रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से करीब 500 कुंतल चोलाई की खरीद की गई, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है।
रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा
गंगा दुग्ध उत्पादन संघ की अध्यक्ष घुंघरा देवी ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 106 कुंतल चैलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों में उन्होंने 65 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 25 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चैलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 60 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई की खरीद करते हैं। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है। केवल बेलपत्री बेच कर महिलाओं ने करीब साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई की है।