टिहरी. उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्यक्ष जी ने उत्तराखण्डियों के हक हकूकों के लिये संघर्ष का ऐलान किया है।
किशोर उपाध्यक्ष जी ने प्रेस को जारी रिलीज में कहा कि COVID-19 के इस संघर्ष के दौर में उत्तराखंड के निवासी गहरे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जो प्रतिकूल रूप से आज ज़िन्दा रहने के लिये संघर्ष न कर रहा हो। विशेषतः युवा पीढ़ी, महिलायें व शिक्षार्थी।
वाणिज्य-व्यापार तो चौपट हो गया है। 60 से अधिक नौजवान आत्महत्या कर चुके हैं। किशोर उपाध्यक्ष जी ने कहा आज उत्तराखंड की दुर्दशा के लिये हम खुद ज़िम्मेदार हैं, हमने अपने पुश्तैनी हक़-हक़ूक़ों पर कभी बात ही नहीं की।
इसकी शुरुआत हम 8 सितम्बर को हरिद्वार से करने जा रहे हैं, जिसमें हम अपने पितरों को नमन करेंगे, इस श्राद्ध पक्ष में अपने हक़-हक़ूक़ों को लेने का संकल्प लेंगे। अपने पुश्तैनी हक़-हकूक़ों और वनाधिकारों तथा FRA-2006 के आलोक में अपने वनाधिकार लेने के लिए समर्पित होंगे, संकल्प लेंगे। बिजली-पानी के बिलों की चिता जलायेंगे और उस राख को गंगा में प्रवाहित करेंगे। आप का सहयोग सम्बल देगा।