टिहरी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय जी ने श्री देव सुमन जयंती के अवसर पर श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय, टिहरी के सम्बन्ध में उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत जी को पत्र लिखा है।
किशोर उपाध्याय जी ने धनसिंह रावत जी को सम्बोधित पत्र में लिखा कि आज विश्व के अप्रतिम मानवता वादी अमर शहीद श्री देव सुमन जी की जन्म जयन्ती है, जिन्होंने 84 दिन तक मानव अधिकारों की रक्षा के लिये उपवास किया।उन्ही के चरण चिन्हों पर चलकर मैंने 15 दिन का उपवास किया था, तत्कालीन सरकार ने विधानसभा में मेरे कपड़े फाड़े थे और उस संघर्ष के बाद श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया था।
टिहरी के पूर्व विधायक उपाध्याय ने लिखा कि विश्वविद्यालय तो स्थापित किया गया, लेकिन आधा-अधूरा। न कैम्पस और न पूरा स्टाफ़।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस विश्व विद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, उन कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया।अब वे ओवरएज हो रहे हैं और उनके परिवार भूखमरी के कगार पर हैं।
उपाध्याय ने लिखा कि यह अत्याचार उस संस्थान में हो रहा हैं, जिसका नाम अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ने वाले महापुरुष के नाम पर रखा गया है। अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए किशोर उपाध्याय जी ने लिखा कि मैं तो यहाँ इंजीनियरिंग कालेज, डिग्री कालेज, कई विद्यालय और वानिकी विश्वविद्यालय भी लाया था, जिसे बाद में यहाँ से दूसरी जगह ले ज़ाया गाया।
विश्वविद्यालय का कैम्पस चम्बा में स्थापित करने की मांग
उपाध्याय ने कहा कि मैंने कभी यह नहीं किया कि यह मेरा है, यह मेरा नहीं है। समदर्शिता रखी, लेकिन 42 परिवारों का चूल्हा बुझा देना, कोई अच्छी बात नहीं है। किशोर उपाध्याय जी ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत जी से श्री देव सुमन के जन्म दिवस पर आग्रह है कि इन 42 बेगुनाह निकाले गये विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अविलम्ब नौकरी पर वापस लिया जाय। विश्वविद्यालय का कैम्पस चम्बा में स्थापित करने की भी मांग की।