उत्तरकाशी. विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उत्तरकाशी में भव्य मंगशीर बग्वाल का आयोजन 4 दिसंबर को किया जा रहा है. अनघा माउंटेन एसोसिएशन द्वारा 2007 से उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी में भव्य मंगसीर बग्वाल को आयोजन किया जा रहा है. मंगसीर बग्वाल (Mangseer Bagwal) की भव्यता और दिव्यता दिनोंदिन लोकप्रिय होती जा रही है.
क्षेत्र के एतिहासिक और लोक संस्कृति के इस पर्व को अनघा माउंटेन एसोसिएशन उत्तरकाशी नित नए आयाम देते आ रहा है. पिछले साल उत्तरकाशी के 25 गांवों में मंगसीर बग्वाल भव्यता के साथ मनाई गई और इस बार 101 गांवों में मंगसीर बग्वाल मनाने का संकल्प अनघा माउंटेन एसोसिएशन उत्तरकाशी के श्री अजय पुरी जी ने व्यक्त किया है.
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के महंत और अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक पहलों के अग्रणी श्री अजय पुरी जी ने बताया कि यह आयोजन उत्तराखंड के परंपरागत तीज त्यौहार, लोक संस्कृति को जीवित रखने की पहल है. इस साल मंगसीर बग्वाल का समापन रंगारंग कार्यक्रमों के साथ 4 दिसंबर को होगा. इस दिन यहां अनेक प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
4 दिसंबर को कंडार देबता के मंदिर से रासो नृत्य, गढ़ नृत्य, अश्वारूड माधोसिंह भंडारी स्थानीय वेशभूषा में एक भव्य सांस्कृतिक यात्रा विश्वनाथ चौक से होते हुए रामलीला मैदान पहुंचेगी. यहीं रासो नृत्य, भैलू पूजन और रंगारंग कार्यक्रम के साथ मंगसीर बग्वाल का समापन होगा. अनघा माउंटेन एसोसिएशन उत्तरकाशी द्वारा मंगशीर बग्वाल का कार्यक्रम अनेक सांस्कृतिक मंचों पर भी किया गया है. जिसमें मुंबई कौथिग, गाजियाबाद महाकौथिग, मसूरी फेस्टिवल आदि प्रमुख हैं. दूसरे दिन 5 दिसंबर को एक चिकित्सा शिविर मैक्स अस्पताल देहरादून द्वारा जिला अस्पताल उत्तरकाशी में लगेगा.
मंगसीर बग्वाल को लेकर मान्यता
मंगसीर बग्वाल को लेकर मान्यता है कि जब तिब्बत के भोट प्रांत से टिहरी रियासत पर निरंतर आक्रमणकारियों द्वारा आक्रमण होते थे, तब राज महिपत शाह द्वारा आक्रमणकारियों के दमन करने के लिए वीर भड़ माधोसिंह भंडारी और रिखोला लोदी के नेतृत्व में एक सेना वहां भेजी गई, जो विजय होकर दीपावली के एक माह बाद घर लौटी. इसी विजय पर्व के रूप में उत्तरकाशी क्षेत्र में मंगसीर बग्वाल दीपावली के एक महीने बाद आज भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है.