देहरादून. वैश्विक महामारी कारोना वासरस के चलते उत्तराखंड में हजारों शादियां स्थगित हो गई हैं. देशभर में 21 दिनों के लाकडाउन के कारण कई दूल्हा दुल्हन देश विदेश में ही फंस गए और गांव नहीं पहुंच सके. कोरोना के बचाव के लिए किए गए लाकडाउन के बीच शादी का पहला दिन बैशाखी को था और आज के ही दिन हजारों की संख्या में उत्तराखंड में विवाह के दिन पूर्व निर्धारित थे. इस पहले दिन पर हजारों दूल्हा दुल्हन और परिवारों के सदस्य देश विदेश में फंसे होने के कारण यह सभी शादियां स्थगित हो गई.
इतना ही नहीं जो दूल्हा दुल्हन और परिवार जन गांव में भी थे उन्होंने भी समझदारी दिखाकर अधिकांश ने शादियां स्थगित कर आगे के लिए टाल दी हैं. मिली जानकारी के अनुसार कुछ शादियां जो हो रही हैं उनमें बहुत सीमित संख्या में यानी चुपचाप 3-4 की संख्या में लोगों ने विवाह की रश्म निभाने का निर्णय लिया है. जिनके घरों में शादियां निर्धारित थी उन परिवार के लोगों ने बताया कि देश कोरोना की जंग को जल्द जीतेगा और हम फिर उसी उत्साह से अपने बेटे बेटियों की शादियां करेंगे.
कई दुल्हनों ने अपने श्रृंगार के सामान को खरीद के रखा था तो कई दूल्हों ने अपने श्रृगार के वस्त्र अटैचियों में पैक कर रखे थे, अब ऐसे परिवार जल्द देश में स्थिति सामान्य होने के बाद नए दिन के इंजतार में हैं.
शादियों के इंतजामात के लिए 6 महीने पूर्व ही बयाना एडवांस देने का प्रचलन है और अब जब शादियां कैंसिल हो चुकी हैं, या सादगी से शादियां होनी हैं, ऐसी स्थिति में टेंट, घोड़े, बैंडबाजे, हलवाई, डीजे, राशन के बयाने वापस लौटाने या आगे के दिनों के लिए सुरक्षित रखने की अपील कई समाजसेवियों ने की है. बड़ी संख्या में विवाह स्थगित हो जाने से पहले दी गई बयाना राशि को आगे के दिनों के लिए समायोजित करने या वापस लौटाने की सहृदयता की अपील की गई है.