देहरादून. जौनसारी संगीत के जनक, उत्तराखंड के श्रेष्ठ गीतकारों में शुमार और वरिष्ठ संस्कृति कर्मी नंदलाल भारती ने वैश्विक महामारी कोरोना को परास्त करने के लिए अपने रचना संसार के तरकस से शब्दभेदी वाणों को निकाल कर एक सुंदर कोरोना जन जागृति गीत प्रस्तुत किया है. कोरोना के खात्मे के लिए जहां पूरा विश्व भारत और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जी द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की ओर देख रहा है, गीतकार नंदलाल भारती जी ने भी इस गीत के जरिए कोरोना से निपटने मोदी जी के मुख से ही कुछ संकट कम होने की उम्मीद की है.
मोदी वाणी के नाम से प्रस्तुत इस गीत के जरिए देश और विश्व में फैली इस महामारी से बचाने के लिए देवभूमि उत्तराखंड के सभी देवी देवताओं और खासकर बाबा केदारनाथ व भगवान बद्रीनाथ की सारी शक्तियों का आह्वान किया गया है कि हे भगवान अपने मन के पट खोलिए और मोदी जी के मुख से अपनी दिव्य वाणी बोलिए.
उत्तराखंड की कला संस्कृति के लिए जीवन के चार दशक समर्पित करने वाले संस्कृति कर्मी नंदलाल भारती जी ने कोरोना पर अब तक की सबसे सुंदर गीत रचना से एक मंझे हुए रचनाकार की सृजन शक्ति का सुखद अहसास कराया है. कोरोना को लेकर जो बातें शुरुआत में सामने आई थी उन्हीं बातों को गीत रचना में गायक भारू भारती के मधुर स्वर में पेश किया गया है.
अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार नंदलाल भारती जी द्वारा लिखित कोरोना गीत रूपी इस अनुपम कृति में चीन को भी चमगादड़ की जाल में उलझने का जिक्र कर और लाखों हजारों कोरोना योद्धाओं के काल के गाल में समा जाने की पीड़ा व्यक्त की गई है. जौनसार भावर के लोक कलाकार नंदलाल भारती ने कोरोना से लगातार हो रही मौतों के तांडव के बीच आंसुओं के छलक जाने और ओठों के कंपकंपा देने वाले भय से बचाने देवभूमि के भाग्य विधाता भगवान बद्रीनाथ से बीमारी के नागपाश में फंसे इस संसार को बाहर निकालने की गुहार लगाई है.
उत्तराखंड के जंगलों में संजीवनी बूटी की ओर भी दिलाया गया ध्यान
गीतकार ने हर पंक्ति में नर और नारायण (मोदी और भगवान केदार-बद्री विशाल) से इस दुनिया को संकट से बाहर लाने की उम्मीद दर्शाई है. गीत में कोरोना कैसे हारेगा इस पर कुछ दिव्य वाणी मोदी के मुख से बोलने की उम्मीद की गई है. गीत में उत्तराखंड के जंगलों में हर लाइलाज बीमारी की संजीवनी बूटी की ओर भी इशारा कर आयुर्वेद और उत्तराखंड की देवशक्ति की ओर ध्यान दिलाया गया है.
नंदलाल भारती ने लगभग 15 मिनट के इस गीत में कोरोना से जुड़ी हर बारीकी को बखूबी से स्थान दिया है. कोरोना संकट में गरीबों के लिए मददगार बने देश और उत्तराखंड के पुलिस कर्मी हों या कोरोना से निपटने अपनी जीवन की अर्जित पूंजी को दान देने वाले दानदाता, सभी की पुण्यगाथा को बेहतरीन ढंग से गीत में समाहित किया गया है.
डाक्टर, नर्स, पुलिस वालों की भी हौसला अफजाई
- रचनाकार ने बहुत ही सरल शब्दों में कोरोना को हराने में लगे डाक्टर, नर्स, पुलिस वालों को शिवगण देवदूत के रूप में बताकर गीत में ऐसे कर्मियों की हौसला अफजाई की भरसक कोशिश की गई है. दुनिया में बेलगाम घोड़े की तरह दौड़ते कोरोना पर अंतत: अंकुश लगाने यानी अश्वमेघ के घोड़े को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा ही रोकने की उम्मीद इस गीत में की गई है.
- गीत रचना में प्रधानमंत्री जी द्वारा घरों में रहने की अपील, गृह मंत्रालय द्वारा बीमारी से बचने के लिए जारी गाइडलाइनों का पालन और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जीने की राह भी दिखाई गई है. गीत में कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को भी आढ़े हाथों लिया गया है. अंत में इस संकट को बचाने मां भगवती से प्रार्थना की गई है.
उल्लेखनीय है कि गीत के रचनाकार श्री नंदलाल भारती जी समय समय पर अपने गीतों के माध्यम से समाज के विभिन्न रंगों को गीतमाला में पिरोने की साधना में लगे हैं. जौनसारी संगीत के जनक नंदलाल भारती जी द्वारा रचित गीत उत्तराखंड, हिमाचल ही नहीं, विश्व के अनेक देशों में बसे उत्तराखंडियों के बीच अपनी अलग पहचान बनाये हुये हैं. भारती जी जौनसार भावर लोक कला मंच के जरिए देश विदेश में अनेक सांस्कृतिक मंचों पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति को मंचित कर राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण में जुटे हुए हैं. मोदी वाणी गीत को अब तक हजारों लोग पसंद कर चुके हैं.
नंदलाल भारती जी द्वारा रचित इस गीत को गायक भारू भारती ने गाया है. गीत को कर्णप्रिय संगीत से सजाया है संगीत सुंदरसिंह नेगी ने. गीत की रिकार्डिंग विकास बेडारी के स्टूडियो में हुई है. गीत को कोरस दिया है गायक काथकु दास, श्याम कुंवर, अमरसिंह चौहान, बारू निराला ने. अनिल वर्मा और महेंद्र राठौड़ भी टीम का हिस्सा हैं.