हरिद्वार. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) (Governor Lt Gen Gurmeet Singh) एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को पतंजलि योगपीठ हरिद्वार (Patanjali Yogpeeth Haridwar) में आयोजित जड़ी-बूटी दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर संयुक्त रूप से आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंर्तगत जड़ी-बूटी व आयुर्वेद चिकित्सा पद्धती पर आधारित 75 पुस्तकों का विमोचन एवं 51 नई औषधियों का लोकार्पण किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में नेचुरोपैथी डॉक्टर्स (Naturopathy Doctors) के रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू किए जाने की घोषणा की. उन्होंने आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऋषि परंपरा व जड़ी-बूटियों के प्रचार-प्रसार कर बालकृष्ण आयुर्वेद के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि COVID19 के दौरान दुनिया ने आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाया और इसका लाभ पाया. आयुर्वेद केवल किसी रोगी के उपचार तक सीमित नहीं है बल्कि भारतीय दर्शन में इसे जीवन के मूल ज्ञान के रूप में स्वीकारा जाता है इसलिए इसे पंचम वेद की संज्ञा दी गई है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई कार्यपद्धति का उदय हुआ है. विश्वभर में 21 जून को योगा (YogaDay) मनाया जा रहा है. संपूर्ण देश में आजादी का अमृत महोत्सव (AzadiKaAmritMahotsav) के अंतर्गत हर घर तिरंगा फहराने का जन आंदोलन चलाया जा रहा है.
आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को दी नई पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी रामदेव (swami ramdev) और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को एक नई पहचान दी है. इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने मुख्यमंत्री को हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्थानों में फहराने हेतु 50 हज़ार राष्ट्रीय ध्वज (प्रतीकात्मक रूप से) भेंट किए. इस दौरान कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री सुबोध उनियाल, डॉ धन सिंह रावत, विधायक श्री प्रदीप बत्रा, स्वामी दामोदर दास, स्वामी कमल दास, महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी एवं अन्य लोग मौजूद रहे.