घनसाली. भिलंगना घाटी जल जंगल जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने भिलंगना नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ एक बार फिर आवाज बुलंद की है. भिलंगना घाटी जल जंगल जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि इन पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ क्षेत्रीय जनता में रोष व्याप्त है और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इन पावर प्रोजेक्ट के विरुद्ध प्रशासन से पत्राचार कर अपनी नाराज़गी दर्ज करवा चुकें हैं.
स्थानीय लोगों ने भिलंगना नदी पर बन रहे पावर प्रोजेक्टों के खिलाफ अब आरपार की लड़ाई के लिए क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों की एक सीमित का गठन किया है. अब इस संघर्ष समिति के नेतृत्व में भिलंगना नदी पर बनने वाले हाईड्रो प्रोजेक्टों के खिलाफ आम जनता के हितों के लिए आवाज उठाई जाएगी.
जिलाधिकारी टि. ग. को ज्ञापन प्रेषित
इसी संदर्भ में भिलंगना घाटी जल जंगल जमीन बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने उपजिलाधिकारी घनसाली के द्वारा जिलाधिकारी टि. ग. को ज्ञापन प्रेषित किया किया है. ज्ञापन के माध्यम से समिति एवं जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि भिलंगना नदी पर पावर प्रोजेक्ट का कोई भी कार्य गतिमान हो तो उस पर तत्काल रोक लगाई जाये. अन्यथा क्षेत्रीय जनता को बाध्य होकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
समिति के अध्यक्ष भजन रावत ने कहा कि एक ही नदी पर तीन से ज्यादा हाईड्रो पावर प्रोजेक्टों का बनना आने वाले समय में भीषण आपदाओं का संकेत है. इसलिए संघर्ष समिति ने तय किया है कि हम किसी भी हाल में ऐसे प्रोजेक्ट भिलंगना नदी पर नहीं बनने देंगे.
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष भजन रावत, प्रधान कु. लक्ष्मी, धनी शाहा, महाजन रावत, बिजेंद्र सिंह, दीपक पैन्यूली, कुलवीर चांदपुरी, विजय, सोहन आर्य, अनुप राणा, जसवीर रोतेला आदि मौजूद रहे.