देहरादून. आज दिनांक 17 जून को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती आशा रानी पैनोली को ज्ञापन दिया गया है. उनकी अपने कार्यालय में नहीं होने के कारण जिला अधिकारी (माध्यमिक) वाई.एस. चौहान जी को ज्ञापन दिया गया, जिसमें मांग की गई है कि उत्तराखंड के स्कूलों को तब तक न खोलें, जब तक वैक्सीन नहीं बनती एवं फीस न लेने की भी मांग की.
इस अवसर में विकास नेगी ने कहा है जैसे की पूरा भारत कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहा है, जिसे हमारा उत्तराखंड भी अछूता नहीं है. इस महामारी की अभी तक पूरे विश्व में कोई वैक्सीन भी नहीं खोज पाया है, जबकि उत्तराखंड में स्कूलों को खोलने का सोचा जा रहा है जबकि कुछ देशों ने स्कूलों को पूरे साल के लिए बंद कर दिया है और कुछ वैज्ञानिकों ने स्कूलों को न खोलने की सलाह दी जो कि स्वागत योग्य है और हमे इस पर अमल करना चाहिए.
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य के कई स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं. छोटे बच्चों के ऑनलाइन क्लास हफ्ते में सिर्फ 2 या 3 दिन चला कर पूरी फीस वसूली जा रही है. स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस वसूली जा रही है.
इस अवसर में प्रकाश नेगी, अजय सैनी, उज्ज्वल सेमवाल, शुभम शीशपाल राणा, प्रदीप मौजूद थे.