घनसाली. हाल ही में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में भिलंगना ब्लाक के अंर्तगत ग्रामसभा लैंणी में भव्य चक्रव्यूह का आयोजन किया गया. यहां ग्रामवासियों द्वारा सामूहिक रूप से पूजे जा रहे पांच पांडवों की पांडव लीला के दौरान चक्रव्यूह का भव्य मंचन लैणी ग्रामसभा के कलध्याण नामे तोक में संपन्न हुआ.
अपने पूर्वर्जों द्वारा सनातन धर्म की धार्मिक परंपरा पंडवार्त (पांडवलीला) को यहां ग्रामसभा की युवा पीढ़ी ने अपने वरिष्ठों के मार्गदर्शन में इस बार और भी आर्कषक संयोजन के साथ जारी रखा. पंडवार्त के दौरान अधिकांश युवाओं जहां देवताओं के पश्वा की जिम्मेदारी संभाली वहीं वस्त्र साज सज्जा में भी आकृषक प्रयोग कर पुरानी परंपरा के इस आयोजन को आधुनिक दौर में आकृषक और मनभावन बनाने की पुरजोर कोशिश की.
अजीत सिंह रावत ने निभाया अभिमन्यु का मुख्य किरदार
यहां के सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामसभा के निवासी श्री राजेंद्रसिंह रावत रड़गुसी वालों ने चक्रव्यूह के बारे जानकारी देते हुए बताया कि हमारी युवा पीढ़ी ने इस बार और भी सुंदर चक्रव्यूह का आयोजन कर अपनी धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने का बीड़ा सफलता के साथ निभाया. श्री राजेंद्रसिंह रावत ने कहा कि यहां हुए भव्य चक्रव्यूह में अभिमन्यु के मुख्य किरदार अजीत सिंह रावत पुत्र स्व. अब्बलसिंह रावत ने, युद्धिष्ठर का किरदार पंकजसिंह रावत पुत्र शूरवीरसिंह रावत, भीमसेन की भूमिका संजयसिंह रावत पुत्र बरसिंह रावत, नकुल के पात्र विजयसिंह रावत पुत्र बगतावर सिंह रावत, सहदेव अजयसिंह रावत पुत्र स्व. भरत सिंह रावत, श्री कृष्ण की भूमिका में संकेत सिंह रावत पुत्र श्री धर्मसिंह रावत, अर्जुन के रूप में भीमसिंह रावत पुत्र स्व. हुकमसिंह रावत ने अपनी दमदार भूमिका से लोगों की वाहवाही लूटी.
कौंरव दल में इन लोगों ने निभाई भूमिका
दूसरी तरफ कौंरव दल में गुरु द्रोणाचार्य के रूप में रामसिंह रावत, गुरु कृपाचार्य विक्रमसिंह राणा, दुर्योधन मकान सिंह रावत, दुशासन विजय सिंह रावत, भूरि शर्वा अंकित सिंह, जयद्रथ कुशालसिंह रावत और दृतराष्ट्र के किरदार में अरविंद सिंह,
सकुनि जयवीर सिंह, लक्ष्मण पुत्र दुर्योधन हिमांशु रावत ने चक्रव्यूह में भूमिका निभाई.
सुंदर अभिनय से यादगार बना 2021 का चक्रव्यूह
हजारों दर्शकों से भरे चक्रव्यूह स्थल पर बने सुंदर चक्रव्यूह रचना के प्रथम द्वार पर जयद्रथ कुशालसिंह रावत, द्वितीय द्वार पर गुरु द्रोणाचार्य की भूमिका में रामसिंह रावत, तीसरे द्वार पर कृपाचार्य विक्रम राणा, चौथे द्वार पर भूरि शर्वा अंकित सिंह, पांचवें द्वार पर कर्ण के रूप में खुशालसिंह, छठे द्वार पर दुशासन की भूमिका में विजयसिंह और सातवें अंतिम द्वार पर दुर्योधन की भूमिका में मकान सिंह रावत ने अपने जर्बदस्त अभिनय से चक्रव्यूह को यादगार बना दिया.
श्री करणसिंह रावत व राजेंद्रसिंह रावत जी ने किया सफल संचालन
चक्रव्यूह के निर्देशक घरजवैं फिल्म के मशहूर कालाकार श्री भीमसिंह रावत लैणी, दशर्नसिंह रावत मैदवाणगांव थे तो चक्रव्यूह का कुशल संचालन श्री करणसिंह रावत (पूर्व प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कालेज कठूड हिंदाव) जी व प्रधानाध्यपक श्री राजेंद्रसिंह रावत मथलैणी ने किया. मुख्यसहयोग कर्ता के रूप में श्री शूरवीरसिंह रावत व समस्तग्रामवासियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के सूत्रधार रहे.