ऋषिकेश. परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भारतवासियों को रामनवमी की शुभकामनायें देते हुये घर में रहे-सुरक्षित रहे का संदेश दिया. परमार्थ निकेतन में सोशल डिस्टेंसिग का कड़ाई से पालन करते हुये चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी और मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया गया. नवमी तिथि के पावन अवसर पर कोरोना वायरस के मुक्ति के लिये सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुये विश्व शान्ति हवन किया गया. सभी साधकों ने परमार्थ निकेतन के सर्वेश्वर मन्दिर प्रागंण में श्री राम जय राम जय जय राम दिव्य मंत्र का जप किया. साथ ही सभी ने मधुर भजनों का आनन्द लिया.
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारत का जनमानस नवमी के पावन असवर पर मन्दिरों में जाकर माँ दूर्गा के दर्शन किये बिना तथा कन्या भोज के बिना रामनवमी मना रहा है. वास्तव में इस भयावह समय में भारत के लोग संयम का परिचय दे रहे है और आशा करते है कि आगे भारतवासी और अधिक संयम, साहस और सजगता का परिचय देंगे. स्वामी जी ने कहा कि हम जिस प्रकार हर वर्ष कन्या पूजन करते है उस प्रकार इस वर्ष नहीं कर पायें इसलिये कन्या पूजन की जितनी भी राशी है उसे कृपय प्रधानमंत्री केयर फंड में दें अथवा हमारे देश की नारी शक्ति जो इस आपदा की घड़ी में डाॅक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी और स्वच्छता कर्मचारी के रूप में सेवायें प्रदान कर रही है उन्हें उपहार के रूप में दे, उन्हें प्रोत्साहित करें, उनके प्रति सम्मान व्यक्त करें जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा इस समय उनका सभी का हम इस प्रकार भी सम्मान कर सकते हैं.
घरों में रहें ओर सुरक्षित रहें का दिया संदेश
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत सहित पूरे विश्व के सामने कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है. लोग अपने ही घरों में कैद हैं, आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, अनेक लोग ऐसे भी हैं जो अपने परिवार के साथ नहीं हैं और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. परन्तु दूसरी ओर अनेक लोग ऐसे भी है जो अपनी और अपनों की परवाह किये बिना संकट की घड़ी में 24 घन्टे सेवा कार्यो में संलग्न है इसलिये भारतवासियों से मेरा निवेदन है कि लाकडाउन के समय अपना सहयोग प्रदान करे, घरों में रहें ओर सुरक्षित रहें क्योंकि मजबूरी नहीं बल्कि जरूरी है.
प्रकृति संदेश दे रही है कि पर्यावरण के साथ सौहार्द्र पूर्ण व्यवहार करें
मुझे तो लगता है कि प्रकृति हमें कोरोना वायरस के रूप में संदेश दे रही है कि पर्यावरण के साथ सौहार्द्र पूर्ण व्यवहार करें क्योंकि प्रकृति की छोटी सी हलचल भी जनमानस के लिये बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकती है. इस महामारी के दौर में हमें यह समझना होगा कि मानव सभ्यता कितना भी विकास कर ले परन्तु प्रकृति के नाराज होने पर उसे सम्भालना उस पर विजय पाना सम्भव नहीं है इसलिये पर्यावरण अनुकूल जीवन जीना ही श्रेष्ठ और बेहतर मार्ग है. स्वामी जी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात के माध्यम से हम सभी भारतवासियों की सुरक्षा के लिये घरों में रहने का निवेदन किया है.
स्पिरिचुअल कम्युनिटी बूस्ट इम्युनिटी का काम कर सकती है
स्वामी जी ने पूज्य संतों, महापुरूषों और धर्मगुरूओं से निवेदन किया कि वर्तमान समय में स्पिरिचुअल कम्युनिटी बूस्ट इम्युनिटी का काम कर सकती है. उन्होने कहा कि वर्तमान समय में एक ही साधना है कि भारत के जनमानस को घर में रहने के लिये प्रेरित करना, कोरोना वायरस के स्टिग्मा से बचाना के लिये सकारात्मक संदेशों को प्रसारित करना. स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भगवान श्री राम का जन्म पृथ्वी को दानवों से मुक्त करने के लिये हुआ था आज इस पावन अवसर पर हम सभी देशवासी संकल्प लें कि भारत को कोरोना वायरस से मुक्त करने में अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगे.