देहरादून. जोशीमठ भू-धंसाव (joshimath landslide) को लेकर सेमवार को मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा ने मीडिया सेंटर में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि आपदा अधिनियम की धारा-33 एवं 34 के तहत लोगों का पुनर्वास किया जाएगा साथ ही अत्यधिक रूप से क्षतिग्रस्त दो होटलों मलारी इन एवं माउंट व्यू (Malari Inn & Mount View) का मैकेनिकल तरीके से ध्वस्तीकरण किया जाएगा. उन्होंने बताया गया कि आवास एवं शहरी विकास विभाग को जोशीमठ का मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
toe-erosion रोकने के लिए तत्काल सुरक्षा के कार्य शुरू किए जाएंगे. जोशीमठ नगर में पड़ी दरारों के मद्देनजर ऊर्जा निगम के साथ ही पिटकुल की टीमों को भी वहां भेजा जा रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि राहत कार्यों के संचालन के लिए शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी.
इसी तरह से जनपद स्तर पर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी. जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान का जो टेंडर पूर्व में 20 जनवरी को खोला जाना था, उसे मौजूदा हालातों को देखते हुए अब 13 जनवरी को खोला जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक दिन रोजाना 12 बजे मुख्य सचिव जोशीमठ के संदर्भ में समीक्षा बैठक करेंगे.
जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां उचित व्यवस्था के निर्देश
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बंध में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस समय एक-एक क्षण बहुत महत्वपूर्ण है, प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए.
सीएस ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में टूटी पेयजल, सीवर एवं विद्युत लाइनों आदि को भी दुरूस्त किया जाए. सीएस ने निर्देश दिए कि भू-धंसाव क्षेत्र में Toe Erosion को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाए और गिरासू भवनों को शीघ्र ध्वस्त किया जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे.