चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को सभी निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद उत्तराखंड का चुनावी रण और भी तेज हो गया है. टिहरी जनपद के विधानसभा क्षेत्र घनसाली में नामांकन वापसी के बाद अब कुल 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं. नामांकन के बाद से ही सभी प्रत्याशी अपने अपने समर्थकों के साथ गांव गांव जनसम्पर्क में जुट हुए हैं. लेकिन अब निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव चिन्ह मिलने के बाद सभी के प्रचार ने जोर पकड़ लिया है.
घनसाली विधानसभा में 2022 के इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी धनीलाल शाह, भाजपा के शक्तिलाल शाह, उत्तराखंड क्रांति दल से कमल दास, आम आदमी पार्टी से विजय शाह मैदान में हैं, तो वहीं निर्दलीय उम्मीदवार दर्शनलाल आर्य, भीमलाल आर्य, शूरवीर लाल जनता के बीच ताल ठोंक रहे हैं.
पिछले चुनाव 2017 की बात करें तो यहां भाजपा के विधायक शक्ति लाल शाह ने एकतरफा मुकाबले में भारी जीत हासिल कर चुनाव जीता था. पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस से भीमलाल आर्य प्रत्याशी थे और वे चुनाव में भाजपा को चुनौती देने में नाकाम ही नहीं रहे, बल्कि परिणाम में खिसककर तीसरे स्थान पर रहे. 2017 के चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी धनीलाल शाह दूसरे स्थान पर रहे.
इस बार कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे धनीलाल शाह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार कर घनसाली में 2022 के चुनावी समीकरण बदल दिए हैं. पिछली बार एकतरफा जीत हासिल करने वाली भाजपा को इस बार जहां वर्तमान विधायक के खिलाफ ”इनकंबेंसी” और धनीलाल शाह के प्रति लोगों की “सैंपेथी” की लहर ने कड़े मुकाबले में फंसा दिया है, वहीं भाजपा के ही बागी निर्दलीय उम्मीदवार दर्शनलाल आर्य से मिल रही है चुनौती ने घनसाली के मुकाबले को रोचक बना दिया है.
कांग्रेस द्वारा टिकट बंटवारे से नाराज पूर्व जिला पंचायत दसस्य दिनेशलाल और भाजपा द्वारा अपने जिला उपाध्यक्ष सोहनलाल खण्डेवाल को मानने से भले दोनों दलों को कुछ राहत मिली हो, लेकिन दोनों दलों के बागी मैदान में अपनी-अपनी जीत के लिये कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं हैं. दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों भीमलाल आर्य और दर्शनलाल आर्य के सैकड़ों समर्थक राष्ट्रीय पार्टियों को मैदान पर प्रचार-प्रसार के से लेकर विकास के मोर्चे पर घेरते हुए कड़ी चुनौती दे रहे हैं.
घनसाली सीट पर इस बार उक्रांद ने भी फौजी कमलदास को मैदान में उतारकर पार्टी के लिए अच्छे खासे वोटों की उम्मीद को जगा दिया है. उक्रांद के प्रत्याशी कमल दास भले राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस-भाजपा के मुकाबले 19 पड़ रहे हों, लेकिन निर्दलीयों को बराबरी की टक्कर देने की कोशिश में हैं. आम आदमी पार्टी की उपस्थिति भी इस सीट पर है. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार शूरवीर लाल भी इस चुनाव में साइलेंट वोटर की ओर उम्मीद लगाए हुए हैं.
घनसाली सीट पर कांग्रेस और भाजपा में कांटे के मुकाबले के बीच भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार दर्शनलाल आर्य और कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार भीमलाल की दमदार उपस्थिति ने घनसाली का मुकाबला चतुष्कोणीय बना दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि घनसाली के 2022 के चुनावी मुकाबले में कांग्रेस ने दिनेशलाल को मनाकर जहां पार्टी के वोट बैंक को बंटने से बचा लिया है, वहीं भाजपा के बागी निर्दलीय उम्मीदवार दर्शनलाल आर्य भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश में हैं. कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार भीमलाल आर्य द्वारा कांग्रेस के वोट बैंक के अपनी तरफ शिफ्ट करने के आसार बहुत कम आंके जा रहे हैं, क्योंकि 2017 में कांग्रेस प्रत्याशी होने के बावजूद भीमलाल यहां तीसरे स्थान पर जा पहुंचे थे. लेकिन क्षेत्र से मिल रहे संकेतों और राजनीति के मझे खिलाड़ी होने के कारण भीमलाल आर्य भी दोनों पार्टियों और अन्य निर्दलीयों की सांसें चुनाव परिणाम आने तक थाम के रखेंगे, इसमें कोई दो राय नहीं हैं.
घनसाली के बड़े मुद्दे
2022 के चुनाव में घनसाली के बड़े मुद्दे घनसाली को ओबीसी में शामिल करने, स्कूल कालेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने, घनसाली को जिला बनाने की मांग, पालिटेक्निक कालेज, एक और महाविद्यालय बनाने की मांग, शेंदुल महाविद्यालय के प्रांतीयकरण की मांग, केंद्रीय विद्यालयों की मांग और सर्व सुविधाओं से युक्त अस्पताल की मांग, भिलंगना विकासखंड का पुनर्गठन आदि की मांग प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं.
क्या कह रहे हैं उम्मीदवार
विधायक शक्तिलाल शाह
वर्तमान विधायक शक्तिलाल शाह अपने 5 साल के कार्य की उपलब्धियां गिना रहे हैं. विधायक शक्तिलाल शाह का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में घनसाली विधानसभा में रोडों का जाल बिछाया है और जहां वे 2017 के चुनाव प्रचार में पैदल गए थे वहां आज गाड़ियां दौड़ रही हैं. विधायक शक्तिलाल शाह का दावा है कि कई पूर्व प्रतिनिधियों के गांवों में उनके कार्यकाल में सड़कें पहुंचाई गई हैं. केंद्र व राज्य सरकार के अनेक कामों पर उन्हें भरोसा है कि घनसाली की जनता दूसरी बार उन्हें ही मौका देगी.
धनिलाल शाह
कांग्रेस के प्रत्याशी धनीलाल शाह कह रहे हैं कि पिछले 10 सालों में घनसाली का विकास ठप्प हो गया है. स्कूल में शिक्षक नहीं हैं, सड़कों का बुरा हाल है, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 10 सालों में कोई काम नहीं हुआ है. 10 सालों में भाजपा से चुनकर गए दोनों विधायकों ने सदन में घनसाली की जनता की आवाज नहीं उठाई है. धनीलाल शाह कहते हैं कि विधायक को जनता इसलिए चुनकर भेजती है कि वे सदन के अंदर क्षेत्र की आवाज बुलंद करें, लेकिन भाजपा से चुनकर गए एक विधायक ने विधानसभा के बाहर बैठने का काम किया और दूसरे ने सदन में कभी आवाज नहीं उठाई, इन दोनों ने सिर्फ अपने और अपने करीबियों के भले के लिए जनता को छलने का काम किया है. धनीलाल शाह कहते हैं कि अगर जनता मुझे सिर्फ इस बार मौका दे तो 5 साल में आगामी सालों साल के लिए घनसाली की तस्वीर बदल दूंगा.
भीमलाल आर्य
पूर्व विधायक भीमलाल आर्य कहते हैं घनसाली के गरीब बेटे ने जो विकास किया वो किसी ने नहीं किया. कागजों के बंडल और मांग की फाइलों प्रस्तावों का जखीरा वे जनता को बताने से नहीं चूक रहे हैं. कहते हैं पार्टी ने धोखा दिया है, लेकिन जनता का आशीर्वाद मिला तो घनसाली के समग्र विकास के साथ टिहरी बांध के ऊपर 24 घंटें आवाजाही सुनिश्चित करने का काम करूंगा.
दर्शनलाल आर्य
भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार दर्शनलाल आर्य का कहना है कि गांवों के सुदूर क्षेत्रों में केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं के बावजूद आज भी बुरे हाल हैं. भाजपा के वर्तमान विधायक केंद्र और राज्य सकार की योजनाओं को गांव तक पहुंचाने में नाकाम रहे हैं और विधायक कुछ खास लोगों पर ही मेहरबान रहे हैं, जिससे भाजपा के कार्यकर्ता नाराज हैं और उन नाराज कार्यकर्ताओं का समर्थन मेरे साथ है. आर्य का कहना है कि वे क्षेत्र में युवाओं के पलायन से चिंतित हैं और घनसाली क्षेत्र के होटल इंडस्ट्रीज के लोगों पर कोरोना के बाद जो रोजी रोजगार का जो संकट खड़ा हो गया है, उस पर काम करना चाहते हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा में बड़ा काम करने की बात अपने जनसंपर्क में कह रहे हैं.
कमल दास
उक्रांद प्रत्याशी कमल दास अपने बिना लाग लपेट की बात में सीधा हमला पूर्व और वर्तमान प्रतिनिधियों पर कर रहे हैं. कमल दास का कहना है कि उन्होंने हजारों लोगों की पेंशन लगाने, युवाओं को बैंकों से लोन दिलाने के काम किए हैं और इस बार जनता उन्हें ही विजय बनाएगी. कमल दास कहते हैं मेरे प्रचार में मेरे क्षेत्र के लोग और महिलाएं जी जान से खुद जुटी हैं. कमल दास का कहना है कि विधायक हिंदाव से, प्रमुख हिंदाव से, जिला पंचायत हिंदाव से और हिंदाव की बेटी आज बीए करने के लिए चमियाला आने को मजबूर है. कमल दास कहते हैं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ की बात सिर्फ स्कूलों पर स्लोगन लिखने के लिए है या हकीकत में जमीन पर उतारने के लिए.
शूरवीर लाल
निर्दलीय प्रत्याशी शूरवीर लाल को भरोसा है कि घनसाली की जनता उनका भी ध्यान रखेगी. वे कहते हैं कि घनसाली के विकास के सपनों के लिए अपनी नौकरी को छोड़कर जनता की सेवा का मार्ग चुना था और इस बार यह सपना जनता के हाथों है. शूरवीर लाल को उम्मीद है कि पार्टियों के प्रत्याशियों को जनप्रतिनिधि के रूप में जनता पहले आजमा चुकी है अब हमें मौका देना चाहिए.