देहरादून. प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने वाले लोगों के संस्थागत और होम क्वारंटाइन के बारे में संशोधित गाइडलाइन जारी की. इसमें कहा गया है कि देश भर के 75 कोरोना प्रभावित शहरों से आने वाले लोगों को सात दिन तक अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटाइन में रहना होगा. इसके बाद कोई लक्षण न पाए जाने पर उन्हें 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा. इस तरह यह कुल अवधि 21 दिनों की रखी गई है. इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में पेड क्वारंटाइन में जाने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा.
इन लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से छूट
- इन लोगों को सात दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से छूट रहेगी, परंतु इनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई देने चाहिए.
- 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को
- 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों
- गर्भवती महिलाओं को
- यदि किसी यात्री को आपात चिकित्सा की आश्वयकता हो
- स्वजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों को
अन्य शहरों से उत्तराखण्ड आने वाले व्यक्तियों को 14 दिन होम क्वारंटाइन किया जाएगा. इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए घर पर ही रहना होगा.
इन व्यक्तियों को भी क्वारंटाइन से छूट रहेगी
आधिकारिक प्रयोजन के लिए अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय आवागमन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को, लेकिन ऐसे व्यक्ति गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे.
व्यवसाय के लिए यात्रा करने वाले सभी इनबाउंड व्यक्तियों, आवश्यक सेवाओं से जुड़े व्यक्ति, तकनीकी विशेषज्ञ को कार्यस्थल पर जाने की अनुमति दी जा सकती है. इस दौरान सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संस्थान की होगी. ऐसे सभी व्यक्तियों के लिए 14 दिनों के क्वारंटाइन से छूट रहेगी और अधिकतम 02 दिन में उन्हें काम पूरा कर वापस अपने मूल स्थान की यात्रा करने की अनुमति होगी.