देहरादून. पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी राज्य में रोकने की बातें हमेशा उत्तराखंड में कही जाती रही हैं, लेकिन सरकार के प्रयासों के बावजूद लोगों का पहाड़ से निकलना जारी रहा और गांव खाली होते गए. अब कोरोना महामारी के बीच बड़ी संख्या में पहाड़ का युवा गांव लौट आया है और जो लाकडाउन के कारण अन्य प्रांतों में भी फंसा है, वह यातायात खुलने के बाद गांव लौटने बेताब है. सरकार भी इस अवसर को पर्वतीय क्षेत्रों के रिवर्स पलायन के लिए महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रही है और सरकार बड़ी संख्या में गांव लौटे लोगों को गांव में ही कैसे बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ में ही रोका जाए, इस पर योजनाएं बनाने में जुट गई है.
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में अपने मंत्रिपरिषद् के साथ देश में लॉक डाउन से उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, श्री सतपाल महाराज, डॉ. हरक सिंह रावत, श्री सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत एवं श्रीमती रेखा आर्या उपस्थित रहे. कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य हल्द्वानी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें सम्मिलित हुए. राज्य की वर्तमान हालातों पर सभी मंत्रीगणों द्वारा अपने विचार एवं सुझाव रखे गए.
अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर भी हुई चर्चा
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इस आपदा को अवसर के रूप में किस प्रकार बदला जाए हमें इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी होने वाले निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में तदनुसार ही कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए इसकी भी हमारे सामने चुनौती है.
रिवर्स माइग्रेशन पर पलायन आयोग बनाए रिपोर्ट
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इस दौरान बङी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं. ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के लिए पलायन आयोग को निर्देश दिए जा रहे हैं. आयोग इनसे वार्ता कर उनसे सुझाव भी प्राप्त करेगा. यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में यह कारगर प्रयास होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में अधिक से अधिक सहयोग हेतु लोगों को प्रेरित किए जाने की जरूरत है. इस धनराशि से हम प्रदेश की जनता की बेहतरी के लिए भी कार्ययोजना बना सकेंगे.
खाद्यान्न की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्यवाही
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कठिन दौर में जो लोग खाद्यान्न की कालाबाजारी करेंगे उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लॉक डाउन के दौरान सरकार द्वारा सामूहिक निर्णय लिए जाएंगे. इस संबंध में कोई भी विभाग अपने स्तर से किसी भी प्रकार का आदेश निर्गत नहीं कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में तैनात सभी लोगों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख की सम्मान निधि की व्यवस्था की गई है. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो इससे संबंधित प्रकरणों को देखेगा तथा किसी अनहोनी की स्थिति में उनके आश्रितों को यह धनराशि प्रदान करने की संस्तुति करेगी. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के व्यापक हित में भी कई निर्णय लिए गए हैं जिससे किसान, उद्यमी, व्यवसाय एवं आम उपभोक्ताओं को काफी सहूलियत होगी.