मुंबई। किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक बड़े कार्यक्रम के लिए मंच संचालन महत्वपूर्ण कड़ी है। कार्यक्रम को सफल बनाने जितनी जी तोड़ मेहनत आयोजक करते हैं, उस मेहनत के उद्देश्य को मंच पर अपने शब्दों में गढ़ कर प्रस्तुत करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी मंच संचालक की होती है। इसी कला में निपुण प्रसिद्ध आरजे आरती सजवाण (RJ Arti Sajwan) इन दिनों मुंबई के सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजनों का अपनी सुरीली आवाज से संचालन कर ओर भी आकर्षक बना रही हैं।
सैकड़ों कार्यक्रमों का मंच संचालन कर चुकी आरजे आरती सजवाण कार्यक्रम की रूपरेखा, कलाकारों का परिचय और सम्बन्धित कार्यक्रम का कुशल संचालन अपने चुटीले अंदाज में करती हैं। मुंबई में उत्तराखंड समाज के सबसे बड़े आयोजन कौथिग का 5 दिवसीय मंच संचालन कर चुकी आरजे आरती सजवाण ने शनिवार को देवभूमि फाउंडेशन के सौजन्य से धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल के उपलक्ष्य में आयोजित भिटौली कार्यक्रम का संचालन कर एक बार फिर उत्तराखंड समाज की तालियां बटोरीं।
देवभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री सुरेश राणा जी और संस्था के महासचिव व मुंबई कौथिग के मुख्य संयोजक श्री मनोज भट्ट के नेतृत्व में हुए भिटौली कार्यक्रम में आरजे आरती सजवाण ने मंच संचालन करते हुए उत्तराखंड के इस परंपरागत पर्व की विस्तार से जानकारी दी। आरती सजवाण ने बताया कि भिटौली का सामान्य अर्थ है भेंट यानी मुलाकात करना है। आरती ने कहा कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और पुराने समय में आवागमन के संसाधनों की कमी, व्यस्त जीवन शैली के कारण विवाहित महिला को सालों तक अपने मायके जाने का मौका नहीं मिल पाता था। ऐसे में चैत्र में मनाई जाने वाली भिटौली के जरिए भाई अपनी विवाहित बहन के ससुराल जाकर उससे भेंट करता था और उपहार स्वरूप पकवान लेकर उसके ससुराल पहुंचता था। भाई बहन के इस अटूट प्रेम, मिलन को ही भिटौली कहा जाता है। आरती ने कहा कि सदियों पुरानी यह परंपरा निभाई जाती है। इसे चैत्र के पहले दिन फूलदेई से पूरे माहभर तक मनाया जाता है। इस परंपरा को लेकर आरती ने अन्य मार्मिक पक्ष से अवगत कराकर हॉल में मौजूद स्रोताओं की आंखें नम कर दी।
आरजे आरती सजवाण के मंच संचालन की यही खूबी है कि वे सम्बंधित कार्यक्रम की गहन जानकारी और तैयारी कर जब संचालन के लिये मंच पर पहुंचती हैं, तो कार्यक्रम में चार चांद लगा देती हैं। उत्तराखंड समाज के कई लोगों ने आरती को इसी तरह मंच संचालन व गीत संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी हैं। बता दें कि आरती सजवाण अपने लक्षिमा बांद जैसे कई लोकप्रिय गीतों से भी धमाल मचा चुकी हैं और मंच संचालन के साथ ही गीत संगीत और अभिनय का उनका सफर लगातार जारी है।