रुद्रप्रयाग. केदारनाथ के गरुड़ चट्टी में हैलीकॉप्टर क्रैश हादसे के बाद इस रूट के लिए राज्य की सिविल एविएशन पॉलिसी और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन आगामी समय में केदारनाथ (Kedarnath) के लिए जिन विकास योजनाओं की आधारशिला रखी जा रही है वह इन सभी सवालों को पीछे छोड़कर केदार नाथ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बना देगी.
इन्हीं योजनाओं के अंर्तगत सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए कल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी रोपवे की आधारशिला रखेंगे. यह रोपवे परियोजना आगामी सालों में केदारनाथ की यात्रा को सुगम, आनंददायक और सुरक्षित बनाने में मील का पत्थर साबित होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Shri Narendra Modi) उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ (Badrinath) यात्रा के दौरान केदारनाथ एवं हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे तथा माणा गांव के लिए जाने वाली टू लेन सड़कों सहित महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. पर्यटन क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक केदारनाथ के लिए वर्तमान महंगी हैली सेवा के मुकाबले रोपवे या केबिल कार सेवा यात्रियों के लिए जहां बेहद सस्ती होगी वहीं सुरक्षा की दृस्टि से भी विश्वसनीय होगी.
केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट (Kedarnath Ropeway Project) को 2026 तक बनाने का लक्ष्य बताया गया है. केदारनाथ जाने वाला रोपवे सोनप्रयाग से शुरू होगा. यह प्रोजेक्ट गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा. इससे गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी करीब 30 मिनट में तय हो जाएगी.
इस प्रोजेक्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. को दिया गया है. यह केबल तार मार्ग करीब 9.70 किमी लंबी होगा. रोप वे बन जाने से जहां चलने में असमर्थ या बुजुर्ग दिव्यांग जनों को केदारनाथ यात्रा में गौरीकुंड से केदारनाथ की खड़ी चढ़ाई पर पैदल चलने से निजाज मिलेगी, वहीं रोपवे से केदारघाटी की खूबसूरत बफीर्ली वादियों में यात्रा का रोमांच और दुगना कर देगा.
दूसरी और यात्रा सीजन में अंधाधुंध कमाई की होड़ में लगी हैलीकाप्टर कंपनियों को भी सुरक्षित और सस्ते विकल्प के लिए बाध्य होना पड़ेगा. ठीक दीपावली से पूर्व उत्तराखंड को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दी जानी वालीं 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं में हेमकुंड (Hemkund Sahib) का रोपवे भी है, जो गोविंदघाट से हेमकुंड का सफर सुहाना कर देगा. यह दूरी 12.4 किलोमीटर में सिमट जाएगी. जो करीब 45 मिनट में पूरी हो सकेगी.
शिखर पर उत्तराखण्ड कार्यक्रम में CM ने बताया 10 वर्षों का रोडमैप
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने बुधवार को देहरादून में आयोजित “शिखर पर उत्तराखण्ड” कार्यक्रम में भी उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में शिखर पर ले जाने के लिए 10 वर्षों का रोडमैप का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति और कार्य व्यवहार आया है. जनहित में त्वरित निर्णय लिए जा रहे हैं. हमने उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री अपनी आगामी केदारनाथ-बद्रीनाथ यात्रा के दौरान केदारनाथ एवं हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे तथा माणा गांव के लिए जाने वाली टू लेन सड़कों सहित महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास कार्यों के साथ ही पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दे रही है. कहा कि उत्तराखण्ड अपने वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण कर राष्ट्र को महत्वपूर्ण इको सिस्टम सेवाएं उपलब्ध करा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड के चहुँमुखी विकास के लिए समर्पित भाव से जुटी है.