घनसाली. टिहरी जनपद में 1991 से संचालित बालगंगा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंदुल के प्रांतीयकरण की मांग एक बार फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने की है. मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह को पत्र लिखकर छात्र नेताओं ने कैलापीर मेले में सरकार द्वारा की गई घोषणा को पूरी करने की मांग की है.
सेंदुल महाविद्यालय के प्रांतीयकरण की मांग लंबे अरसे से छात्र संगठनों द्वारा की जा रही है. पिछले साल दिसंबर महीने में गुरु कैलापीर बग्वाल मेले के समापन समारोह में घनसाली के विधायक शक्तिलाल शाह, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व भारतीय विद्यार्थी परिषद के निवेदन पर माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा सेंदुल महाविद्यालय के प्रांतीयकरण की घोषणा की गई थी.
छात्रसंघ अध्यक्ष अंजली चौहान ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री का ध्यान पुन: मेले में की गई घोषणा की ओर दिलाते हुए लिखा है कि बजट सत्र में बालगंगा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंदुल के प्रांतीयकरण का शासनादेश जारी किया जाए. साथ ही छात्र संघ ने आगाह किया है कि जल्द ही इस पर सकारात्मक कार्यावाही नहीं की जाती है तो छात्रसंघ को बड़े आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
इस महाविद्यालय को बनाने में जिन स्थानीय लोगों की जमीनें गई हैं उन्हें भी प्रबंधन ने रोजगार आदि में योग्यता होने के बावजूद कोई खास वरीयता नहीं दी है और महाविद्यालय की बैठकों से छात्रसंघ को भी दूर रखा जाता है.
प्रबंधन के मनमाने व्यवहार के कारण और बैठकों में शामिल नहीं करने के कारण कई बार छात्र आंदोलन को मजबूर हुए हैं. महाविद्यालय प्रबंध समिति के द्वारा लगातार विज्ञप्तियों और महाविद्यालय में किए जा रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए महाविद्यालय का राजकीयकरण अतिशीघ्र किया जाना अति आवश्यक है.
-अजय कंसवाल पूर्व छात्र नेता, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
सेंदुल महाविद्यालय