देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद चुनाव परिणाम पर विश्लेषणों का दौर लगातार जारी है. यहां हम उत्तराखंड विधानसभा की कुल 70 सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस व अन्य प्रत्याशियों को मिले मतों का विश्लेषण करें तो पूरे उत्तराखंड में घनसाली के कांग्रेसी ‘लाल’ सबसे कमजोर साबित हुए हैं. वहीं घनसाली आरक्षित सीट पर भाजपा को लगातार दूसरी बार ऐतिहासिक जीत दिलाकर विधायक शक्तिलाल शाह घनसाली का राजनीतिक इतिहास बदलने में कामयाब रहे हैं.
धनीलाल, भीमलाल, शूरवीर लाल चुनावी मैदान में बुरी तरह ढेर
राज्य की अन्य आरक्षित सीटों पर जहां कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हारे भी हैं, वहां भाजपा या जीतने वाले प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड की एकमात्र सीट घनसाली ऐसी रही, जहां कांग्रेस व कांग्रेस पृष्ठभूमि के सभी प्रत्याशी बुरी तरह ढेर हो गए. यहां बात करें कांग्रेस व कांग्रेसी से बगावत कर चुके प्रत्याशियों की तो जनता ने इन्हें सिरे से नकार दिया और कोई भी मैदान में अपने प्रतिद्वंद्वी को टक्कर नहीं दे सका. कांग्रेस के धनीलाल शाह को मात्र 10447 वोट मिले तो कांग्रेसी रहे बगावती भीमलाल आर्य को 9091 मत ही नसीब हुए. वहीं कांग्रेस के ही बगाबती शूरवीर लाल को 1357 मतों पर संतोष करना पड़ा. घनसाली में भाजपा प्रत्याशी शक्तिलाल शाह ने 20516 मत हासिल कर भारी अंतर से चुनाव में विजय प्राप्त की.
राज्य की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से इस बार भाजपा ने 09 औैर कांग्रेस ने 04 सीटें जीती हैं. उत्तराखंड विधानसभा में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 सीटों पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस की बीच रहा है. आरक्षित 13 सीटों में कांग्रेस को सबसे कम वोट घनसाली सीट पर पड़े हैं और अन्य सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने या तो जीत दर्ज की या मतों के लिहाज से कड़ी टक्कर देने में सफल रहे.
- सीटवार देंखें तो घनसाली में भाजपा प्रत्याशी को जहां 20516 मत मिले वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी 10 हजार से भी ज्यादा मतों से पीछे रहे और मात्र 10447 वोट ही हासिल कर सके.
- पौड़ी आरक्षित सीट पर भाजपा के राजकुमार पोरी ने 24957 मत हासिल कर विजय हासिल की और कांग्रेस के प्रत्याशी नवल किशोर ने कड़ी टक्कर देते हुए 19516 मत हासिल किए.
- पुरोला आरक्षित सीट पर भाजपा के दुर्गेशलाल ने 27213 मत हासिल कर विधायक बने, वहीं कांग्रेस के मालचंद ने 21179 वोट पाकर कांग्रेस सम्मानजनक मुकाबले में बनाए रखा.
- राजपुर रोड आरक्षित सीट पर भाजपा के खजान दास ने 36537 वोट पर जीत हासिल की और कांग्रेस के राजकुमार हारे जरूर पर 25502 मतदाताओं का विश्वास हासिल करने में सफल रहे.
- सोमेश्वर आरक्षित सीट पर भाजपा की मंत्री रेखा आर्य के फिर विधानसभा पहुंचने के रास्ते को 25498 मतदाताओं ने आसान किया वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र बड़कोटी ने 20536 वोट कांग्रेस की झोली में डाल कर चुनाव हार गए.
- नैनीताल सीट पर भाजपा की सरिता आर्य 31443 मत पाकर विधायक बनीं तो कांग्रेस के संजीव आर्य 23525 मत पाकर इस बार विधायक बनने में पीछे रह गए.
- बाजपुर आरक्षित सीट पर भाजपा से कांग्रेस में आए यशपाल आर्य ने 39926 वोट हासिल कर जीत दर्ज की वहीं भाजपा के राजेश कुमार को 38447 वोट मिलने से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. यहां खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी की सुनीता टमटा ने 20009 वोट हासिल किए.
- थराली आरक्षित सीट पर 31435 वोट हासिल कर भूपालराम टमटा भाजपा के बिधायक बने तो कांग्रेस के डा. जीत राम 23680 मत हासिल कर चुनाव हार गए.
- भवानपुर आरक्षित सीट पर कांग्रेस की ममता राकेश ने 44808 वोट पाकर जीत दर्ज की वहीं इस सीट पर बसपा के सुबोध राकेश 39858 पाकर चुनाव हार गए.
- बागेश्वर आरक्षित सीट पर भाजपा के चंदन रामदास 32211 वोट पाकर विधानसभा पहुंचे, वहीं यहां कांग्रेस के रणजीत दास 20070 वोट पाकर मैदान में बाजी हार गए.
- गंगोलीहाट आरक्षित सीट पर भाजपा के फकीर राम की झोली में 32211 मतदाताओं ने अपने वोट डालकर अपना विधायक बनाया, वहीं कांग्रेस के खजानचंद्र के खजाने में 22243 वोट मिले और हार का सामना करना पड़ा.
- झबरेड़ा आरक्षित सीट पर कांग्रेस के विरेंद्र कुमार को 39652 मतदाताओं का प्रसाद मिला और विधायक बने, वहीं यहां भाजपा के राजपाल को 31436 वोट मिले.
- ज्वालापुर आरक्षित सीट इं. रवि बाहदुर कांग्रेस को 42372 दिलाकर जीत दिला दिए, वहीं इस सीट पर भाजपा के सुरेश राठौड़ 29029 वोट प्राप्त कर चुनाव हार गए.