घनसाली. पट्टी नैलचामी की शिवपुरी में देवों के देव महादेव के महायज्ञ होम का शुभारंभ 3 फरवरी को हुआ. महायज्ञ का उद्घाटन पूर्व मंत्री मातवर सिह कंडारी व क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह ने किया.
12 सालों के बाद होने वाले भगवान शिव के होम-यज्ञ से आजकल महड के नाम से विख्यात शिवपुरी ऊं कार की गूंजती ध्वनियों से शिवमय है. नैलचामी के 28 गांव भगवान शिव की आराधना का यह आयोजन मिलकर करते हैं.
होम-यज्ञ की आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री जसवंत गुसाईं हैं, जिनकी प्रमुख देखरेख में यह आयोजन किया जा रहा है. 13 फरवरी तक चलने वाले इस होम-महायज्ञ में नैलचामी पट्टी के अलावा आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शिवपुरी में आकर महायज्ञ के साक्षी बनते हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस यज्ञ में तीन देव डोलियां यहां आती हैं, जिनमें नगेला देवता की डोली प्रमुख रूप से शामिल है. बोल्या देव, राज राजेश्वरी, काल भैरव आदि भी यज्ञ के प्रमुख भागीदार हैं. इन देवताओं के बाकी श्री सुंदरसिंह जी नेगेला देवता, श्री दिनेश गसाईं, श्री दिनेश रावत पुंडोली वाले नागेंद्र देवता, श्री रुकम सिंह रावत बोल्या देवता, श्री बच्चनसिंह रावत मां राजराजेश्वरी, श्री चंदन जी घंडियाल और काल भैरव के श्री नरोत्तम दास जी व श्री देवदास जी हैं. होम में पीठासणी देवी महाकाली शिवपुरी की अधिष्ठात्री हैं.
पुंडीर वंश के लोग करते हैं संयर मंथन
सिल पुंडोली के पुंडीर वंश के लोग होम की अग्नि प्रज्वलित करते हैं. परंपरा है कि 12 साल बाद भी हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित रहती है और इसी अग्नि से होम के लिए ज्वाला तैयार की जाती है. यदि हवन कुंड में यह अग्नि नहीं हो तो संयर मंथन से अग्नि तैयार की जाती है और संयर मंथन से भी अग्नि न प्रज्वलित हो तो त्रिजुगी नारायण से हवन कुंड के लिए अग्नि लाई जाती है. पुंडीर वंश के लोगों द्वारा संयर मंथन कर अग्नि प्रज्वलित की गई और इसी अग्नि में अब 13 फरवरी तक आहूतियां दी जाएंगी.