डुण्डा. पांच सितारा होटलों में शेफ के पदों पर कार्य कर चुके श्री टीकाराम सिंह उत्तराखंड के उत्पादों को बैश्विक पहचान दिलाने के लिए कुछ न कुछ प्रयास लगातार करते हैं. इन दिनों शेफ श्री टीकाराम सिंह जी उत्तराखंड में अनेक स्वरोजगारपरक पहलों से प्रवासी युवाओं के लिए प्रेरणादाई बने हुए हैं. हाल ही में UKKHABAR.COM पर पहाड़ में इन दिनों होने वाले लेंगड़ा सब्जी को सालभर इस्तेमाल करने योग्य बनाने की खबर प्रकाशित हुई थी. इसके बाद उत्तराखंड दूरदर्शन, उत्तराखंड सरकार के सोशल प्लेटफार्म पर भी श्री टीकाराम सिंह जी का लेंगड़ा वाला वीडियो स्वरोजगार की पहल के रूप में अपलोड कर युवाओं के लिए नई राह दिखाई गई थी.
शेफ श्री टीकाराम सिंह जी पहाड़ की खेती पर होने वाले अनाज, आसपास होने वाले प्रकृति जन्य उपजों से अनेक व्यंजन बनाने के लिए जाने जाते हैं. आजकल कणदिया पनीर बनाकर एकबार फिर लोगों का ध्यान पहाड़ में अपने आप उगने वाले मौसमी खर पतवार के इस्तेमाल की ओर दिला रहे हैं. टीकाराम जी ने कणदिया पनीर नाम से नयी पहाड़ी रेसिपी बनाई है. कणदिया को गढ़वाली में कणदिया कोलिय़ा हिन्दी में कुट्टू और इंग्लिश में buckwheat कहा जाता है. ये उत्तराखंड में बहुत अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है. ये एक प्रकार क़ा खर पतवार है, जिसकी कोई पारंपरिक खेती नहीं होती है.
शेफ श्री टीकाराम सिंह जी ने इसे भी पहाड़ी फ्यूजन के तहत परिचय कराया है. कणदिया पनीर buckwheat paneer इसके पत्तों क़ो सलाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है और आटा व्रत में रोटी के फलाहार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. कणदिया मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है जो रक्त वाहिकाओं को आराम देकर रक्तचाप में सुधार करने में सहायक है. यह हानिकारक रसायनों के उपयोग के बिना स्वाभाविक रूप से उच्च रक्तचाप को कम करता है. इससे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करने में मदद मिलती है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर सही बना रहता है. कूटू में बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं. अमीनो एसिड के साथ प्रोटीन का संयोजन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है.