टिहरी. जहां चुनाव जीतने के बाद अधिकांश जनप्रतिनिधि राजधानी देहरादून में होने का बाहना बनाकर क्षेत्र की जनता की नजरों से दूर रहने की कोशिश करते हैं, वहीं टिहरी के विधायक श्री किशोर उपाध्याय जी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने क्षेत्र की जनता और निर्वाचन क्षेत्र में ही रहने की अनोखी मिसाल पेश की है.
टिहरी के विधायक श्री किशोर उपाध्याय (MLA Tehri Kishore Upadhyay) ने देहरादून में सरकार द्वारा आवंटित आवास (mla hostel dehradun) को निरस्त करने और अपने विधान सभा क्षेत्र में आवास उपलब्ध कराने का आग्रह सरकार से किया था, जो सरकार ने स्वीकार कर उनको देहरादून में विधायक हास्टल का आवास निरस्त कर नई टिहरी में आवास आवंटित कर दिया है. इसके लिए विधायक श्री किशोर उपाध्याय जी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी का आभार जताया है. उपाध्याय ने बताया मेरी विधान सभा के हृदय स्थल नई टिहरी में आवास आवंटित करने के मेरे आग्रह को सहमति प्रदान कर दी है गई है.
उपाध्याय ने कहा कि मुझे विश्वास है, मेरे इस गिलहरी जैसे प्रयास से राज्य आंदोलन की भावना की रक्षा को बल मिलेगा. उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन पर उत्तराखंडियों के हकों के प्रबल समर्थक जन नेता किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में कहीं भी, किसी भी रूप में अगर कुछ अच्छा नहीं होता है तो मुझे आत्मिक कष्ट होता है, क्योंकि राज्य निर्माण और उसके उपरान्त हर मोड पर मेरी भूमिका किसी न किसी रूप में रही है.
उपाध्याय ने राज्य निर्माण में अपनी भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि अगर, यदि मैं उत्तराखंड के जनक इन्द्रमणि बड़ोंनी जी और उनके साथियों को दो बार यशस्वी नेता राजेश पायलेट जी से न मिलवाता तो आज अलग राज्य के रूप में हमारा अस्तित्व होता या न होता? उन्होंने कहा, इसका आकलन संभवतः भविष्य में इतिहासकार करेंगे. या 2000 में रातों-रात या सुबह-सुबह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का फैसला न करवाता तो शायद सध्यजात प्रदेश में निर्वाचित सरकारों का इतिहास कुछ और होता?
उपाध्याय ने कहा कि एक छोटी सी लकीर जन प्रतिनिधियों के आलोक में खींची है कि हमें अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ही रहना चाहिये और राज्य के हर वर्ग विशेषतः प्रबुद्ध वर्ग ने इस कदम को आशीर्वाद प्रदान किया है.