प्रतापनगर. प्राइवेट स्कूलों की बेतहाशा बढ़ती फीस, चरम पर पहुंचती महंगाई और सरकार द्वारा बनाए गए अटल उत्कृष्ट कालेजों में बेहतर शिक्षा की आश में एक बार पुन: लोगों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ने लगा है. टिहरी जनपद के लंबगांव में अटल उत्कृष्ट विद्यालय (Government Inter College Lambagaon) में बढ़ती छात्र संख्या इसी ओर इशारा कर रही है कि अगर सरकार के पास नौनिहालों को गांवों में ही बेहतर शिक्षा देने की इच्छाशक्ति हो, तो शिक्षार्थियों के बिना वीरान हो रहे कई सरकारी स्कूलों में फिर से बच्चों की फुलवारी खिल सकती हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, टिहरी जनपद के लंबगांव में अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनने के बाद लगातार छात्र/छात्राओं की संख्या बढ़ रही है. नतीजतन जहां सत्र 2019/ 2020 में इस कालेज में बच्चों की संख्या घटकर 154 रह गई थी, वह 2021-22 में बढ़कर 233 हो गई. खास बात यह है कि 98 छात्र/छात्राएं जो पहले प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ते थे उन्होंने उन स्कूलों को छोड़कर राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश लिया है.
जीआईसी लंबगांव के प्रभारी प्रधानाचार्य विजय पाल सिंह रावत (In-charge Principal Vijay Pal Singh Rawat) के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान सत्र गतिमान है और कक्षा 11वीं में प्रवेश जुलाई में होने हैं. इसके बावजूद संख्या 300 पार हो चुकी है, जिसमें से अभी तक 81 नए बच्चों ने प्रवेश लिया है. माना जा रहा है कि इस बार यह अनुमानित संख्या 350 के पार होगी, जिसमें बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के इंग्लिश मीडियम के बच्चे आ रहे हैं.
बता दें कि जीआईसी अटल उत्कृष्ट विद्यालय लंबगांव (GIC Atal School of Excellence Lambgaon) में 9वीं और 11वीं में पिछले सत्र से ही अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं प्रारंभ की गई थी. प्रभारी प्रधानाचार्य श्री रावत जी का कुशल मार्गदर्शन व शिक्षकों की कड़ी मेहनत के फलस्वरूप यहां आसपास के अभिभावक बड़ी संख्या में अपने बच्चों का प्रवेश दिलाकर कालेज पर भरोसा कर रहे हैं. जीआईसी लंबगांव के प्रभारी प्रधानाचार्य विजय पाल सिंह रावत और उनके विद्यालय स्टाफ की लगातार पांच साल की मेहनत और समर्पण से यह विद्यालय वास्तव में उत्कृष्ट विद्यालय बनने की ओर अग्रसर है.
जीआईसी लंबगांव के प्रभारी प्रधानाचार्य विजय पाल सिंह रावत ने स्वयं दिन-रात विद्यालय को समय दिया है और अपनी पूरी छुट्टियां भी पिछले 5 वर्षों में नहीं लिए हैं. श्री रावत लॉकडाउन के समय भी विद्यालय में बने रहे, विद्यालय के कार्य करते रहे, जिसका परिणाम अब बढ़ती छात्रसंख्या के रूप में निकलने लगा है. आसपास के अभिभावकों का भी कहना है कि इस विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बेहतर हो रहा है और अनुशासन के मामले में भी यह विद्यालय बेहतर है.
जीआईसी लंबगांव के प्रभारी प्रधानाचार्य विजय पाल सिंह रावत ने विद्यालय की समस्याओं को अवगत कराते हुए कहा कि विद्यालय में जहां स्टाफ अपनी पूरी क्षमता के साथ बच्चों के भविष्य को संवारने जुटा हुआ है, वहीं बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ विद्यालय में बैठने के लिए कमरों की कमी महसूस की जा रही है, जिनको दूर करना अति आवश्यक है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस कालेज में विगत कई वर्षों से लिपिक के 2 पद रिक्त हैं. कालेज में कोई भी लिपिक नहीं है, जिससे यह कार्य भी यहां शिक्षकों को करना पड़ता है.
उल्लेखनीय है कि अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के प्रति बढ़ते प्रचलन के कारण उत्तराखंड के गांवों में सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या पिछले सालों से लगातार घट रही है. लेकिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू होने से अब लोगों को एक बार फिर गांव में ही घर के नजदीक बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो रही है, जिससे जो परिवार मात्र अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई के लिए गांव से बच्चों को दूर रखने के लिए मजबूर थे वे गांव लौटने लगे हैं. आवश्यकता है उत्तराखंड सरकार का शिक्षा विभाग (uttarakhand education department) इन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पूरा स्टाफ और सुविधाएं उपलब्ध कराकर सरकारी शिक्षा को फिर से लोकप्रिय बनाए.