गुप्तकाशी. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में रविवार को बाबा केदार के क्षेत्रपाल भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरूआत हुई. पंचमुखी उत्सव डोली के कैलाश जाने पर विद्धान आचार्यों के वेद मंत्रों, हजारों भक्तों के जयकारों, महिलाओं के धार्मिक भजनों, 11 मराठा रेजिमेंट की 17 सदस्यीय बैण्ड पार्टी की धुन व स्थानीय वाध्य यंत्रों की मधुर धुनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा.
सोमवार को भगवान केदारनाथ (Kedarnath) की चल विग्रह डोली पंचकेदार गद़्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए प्रस्थान कर देर सायं पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी (Guptkashi) पहुंची. जहां से मंगलवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी और 4 मई को गौरीकुण्ड होते हुए 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जिसके बाद 6 मई को प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे.
इस बार हंस फाउंडेशन (Hans Foundation) के प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी के समस्त परिवार को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार के क्षेत्रपाल भगवान भैरवनाथ एवं भगवान केदारनाथ की चल विग्रह डोली की विशेष पूजा करने का सौभाग्य मिला.
इसी मौके पर माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया. इस मौके पर पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पौराणिक परंपरा के अनुसार भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना पूरी विधि विधान एवं पौराणिक परंपराओं के आधार पर की गई। लगभग तीन घंटे तक चली पूजा अर्चना में भगवान की भोगमूर्ति को फूलमालाओं से सजाकर श्रृंगार किया गया। इस मौके पर हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी के समस्त परिवार की ओर से विशेष पूजा-अर्चना एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया.
भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को पगड़ी व अचकन पहनाकर छ:माह केदारनाथ धाम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना तथा प्रवास करने का संकल्प दिया। इसके बाद निर्धारित समय पर भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना हुई. इस मौके पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, समाजसेवी एवं अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा, मन्दिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, आनन्द सिंह रावत, रघुवीर पुष्वाण, संदीप पुष्वाण, प्रमोद धर्म्वाण, शिव सिंह रावत, प्रभारी कार्यधिकारी आर.सी. तिवारी, राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्वाण, डा. केदार लिंग, राजशेखर लिंग, शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, शिव लिंग सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे.