देहरादून. जहां कोरोना ने देश और दुनिया में तांडव मचा रखा है, वहीं उत्तराखंड देश के ऐसे राज्यों में शुमार हो गया है, जहां लगभग पूरी सरकार ही होम क्वारंटीन हो गई है. यहां 11 कैबिनेट मंत्रियों में से 9 कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्री, कई प्रमुख सचिवों ने खुद को होम क्वारंटीन कर दिया है. कई प्रमुख सचिवों के भी इस दौरान संक्रमित कैबिनेट मंत्री के संपर्क में आने की बात कही जा रही है. प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन ने ट्वीट कर बताया कि मुख्यमंत्री जी सहित मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए अन्य मंत्री, अधिकारी क्वारंटीन हो गए हैं.
पर्यटनमंत्री @satpalmaharaj को #Corona पॉज़िटिव पाए जाने केबाद मुख्यमंत्री @tsrawatbjp #quarantine में चले गएहैं।मन्त्रिमंडल बैठक में उपस्थित हुए अन्य मंत्री व अधिकारी भी #quarantine हो रहेहै सिवाय उन दो मंत्रियों के जो बैठक में नहीं थे।सतपाल जी इस बैठक में शामिल हुए थे।@BJP4UK pic.twitter.com/zF01muqBlu
— Dr. Devendra Bhasin (@DrDBhasin) June 1, 2020
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि जिस आरोग्य सेतु एप को लेकर उत्तराखंड सरकार ने इतना विज्ञापन आदि पर खर्च कर जोर शोर से प्रचार प्रसार किया, केंद्र सरकार भी इस एप को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखने की बात कह रही है, इतने के बावजूद क्या सरकार के मंत्रियों, मुख्यमंत्री जी ने खुद इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड नहीं किया था. अगर किया था तो फिर उन्हें इस बात की जानकारी क्यों नहीं मिली कि उनके आस पास कोई संक्रमित मंत्री साथ बैठा है.
कार्रवाई क्यों नहीं सरकार!
जनाबूझ कर कोरोना का संक्रमण फैलाने, बीमारी छुपाने, सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ और रोग फैलाने की गलती करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट आदि तमाम कानूनी व्यवस्थाएं हैं और कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, लेकिन उत्तराखंड में जिन पर कानून पालन कराने का जिम्मा था, उन्हीं के द्वारा कानून का पालन न करने की चर्चा उत्तराखंड के आम जनमानस में है.
एक कैबिनेट मंत्री द्वारा होम क्वारंटीन का उल्लंघन कर राज्य की पूरी सरकार को खतरे में डालने को लेकर राज्य की आम जनता भी सवाल पूछ रही है कि ऐसे कैबिनेट मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं सरकार! अब राज्य में हालात यह है कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री के कारण उत्तराखंड की पूरी सरकार यानी कई लोगों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है.