देहरादून. उत्तराखंड में 2022 से पहले राज्य में तीसरे राजनीतिक विकल्प देने की कवायद शुरू हो गई है. राज्य निर्माण के आंदोलन का अग्रणी उत्तराखंड क्रांति दल राज्य बनने के दो दशक बाद 2022 में राज्य में तीसरा राजनीतिक विकल्प बनने के प्रयास में जुट गया है. अपने इन्हीं प्रयासों के लिए जुटे क्षेत्रीय दल ने राज्य के छोटे छोटे अन्य दलों को उक्रांद में मिलाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
शुक्रवार 24 जनवरी को राज्य अतिथि गृह सर्किट हाउस में उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का उत्तराखंड क्रान्ति दल में विलय हो गया, जिसमें पूर्व वरिष्ठ आई० ए०एस० श्री सुरेंद्र सिंह पाँगती, श्री पी०सी० थपलियाल, श्री ज्योति रावत, श्री अनिरुद्ध काला सहित कई नेता शामिल थे. उक्रांद के अध्यक्ष श्री दिवाकर भट्ट, संरक्षक श्री काशी सिंह ऐरी, श्री त्रिवेंद्र सिंह पंवार, श्री बी. डी. रतूड़ी ने फूलों की माला पहना कर सभी का स्वागत किया.
क्षेत्रीय दल ही कर सकता है राज्य का विकास : पाँगती
इस अवसर पर श्री पाँगती जी ने कहा कि राज्य का विकास क्षेत्रीय दल ही कर सकता है, जिसके लिए उत्तराखंड क्रान्ति दल ही सक्षम है. पांगती ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ सभी को एक होकर लड़ना होगा. पांगती ने कहा कि आज राज्य को उत्तराखंड क्रान्ति दल की जरूरत है. इस अवसर पर पी. सी. थपलियाल ने कहा कि यूकेडी ही राज्य की पार्टी है जो तीसरे विकल्प के रूप में खड़ा है. अब सभी को यूकेडी के मंच में सभी को लाना है.
रक्षा मोर्चा के विलय से नई ताकत मिलेगी: काशीसिंह ऐरी
अपने संबोधन में दल के शीर्ष नेता श्री काशीसिंह ऐरी जी ने उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का यूकेडी में विलय का स्वागत करते हुये कहा कि पाँगती जैसे व्यक्तित्व के साथ आने से नई ताकत मिलेगी. दल के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि आज सभी संगठनों को एक मंच पर एकत्र होकर भाजपा और कॉंग्रेस के खिलाफ मजबूत ताकत बनना होगा.
भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का विलय साफ दर्शाता है कि अब यूकेडी तीसरे विकल्प के रूप में जनता स्वीकार करेगी क्योकि पाँगती जैसे व्यक्ति हमारे साथ आ चुके है तथा वह अब ठोस रणनीति के तहत संगठन को मजबूती मिलेगी. इस अवसर पर त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बी. डी. रतूड़ी, हरीश पाठक, सुनील ध्यानी,जयदीप भट्ट, ब्रह्मानन्द डालाकोटी, किशन रावत, रेखा मिंया, ब्रजबीर चौधरी, समीर मुंडेपी, आशीष नौटियाल, प्रमिला रावत, राजेश्वरी रावत,उत्तम रावत,अशोक नेगी,प्रहलाद सिंह रावत,राजेन्द्र बिष्ट,धर्मेंद्र कठैत आदि थे.