घनसाली. उत्तराखंड क्रांति दल में एक और महत्वपूर्ण शख्सियत जुड़ गई हैं. उत्तराखंड के गांधी स्व. इंद्रमणि बडोनी जी की जन्मस्थली के क्षेत्र और बडोनी जी के साथ राज्य निर्माण के संघर्ष में साथ रहे राजकीय इंटर कालेज कठूड़, टि.ग. के राजनीति विज्ञान के पूर्व प्रवक्ता श्री लक्ष्मीप्रसाद अंथवाल जी को उक्रांद की केन्द्रीय कार्यकारिणी में संगठन मंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
देश और दुनिया में उत्तराखंडियों के स्वाभिमान के प्रखर हिमायती श्री लक्ष्मीप्रसाद अंथवाल जी के उक्रांद से जुड़ने से पार्टी को एक नई ताकत मिली है. श्री अंथवाल जी क्षेत्र में स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं. स्वाभिमान को अडिग बनाए रखने लिए श्री लक्ष्मीप्रसाद अंथवाल जी ने जीवन में कभी किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया और यहां तक कि अपने सेवाकाल के दौरान भी अपनी लाखों की सर्विस छोड़ कर सेवानिवृति से कई पहले ही सरकार की नौकरी से भी त्यागपत्र देकर स्वाभिमान के नए आयाम रचे हैं.
श्री अंथवाल जी बेबाक लेखन के साथ ही उत्तराखंड के हक हकूकों के लिए सोशल मंचों के जरिए हमेशा आवाज बुलंद करते रहे हैं और अब उक्रांद से जुड़ने से स्व. बडोनी जी के क्षेत्र से एक बार उक्रांद के फिर से जीवित होने की उम्मीद जग गई है. बता दें कि घनसाली विधानसभा के आगामी परिसीमन के बाद सीट का आरक्षण परिर्वतन होने की भी संभावनाएं प्रबल हैं और ऐसे में श्री बडोनी जी की जन्मस्थली से उन्हीं के संघर्ष में साथ रहे श्री लक्ष्मी प्रसाद अंथवाल जी के जुड़ने के लंबे राजनीतिक मायने देखे जा रहे हैं. उक्रांद के केन्द्रीय संगठन मंत्री श्री लक्ष्मी प्रसाद अंथवाल जी की इस नियुक्ति पर क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है और क्षेत्र के प्रवासियों से लेकर राज्यभर के लोगों द्वारा बधाई दी जा रही हैं.
समय आ गया है पहाड़ी राज्य की परिकल्पना पर फिर से काम हो : शंकर सिंह रावत
लक्ष्मी प्रसाद अंथवाल जी की नियुक्ति पर क्षेत्र के उद्योगपति श्री शंकर सिंह रावत जी ने खुशी जाहिर की है और अपनी शुभकामनाएं दी हैं. श्री शंकर सिंह रावत जी ने लिखा कि मुझे यह जानकर अति हर्ष हुआ कि आदरणीय श्री लक्ष्मी प्रसाद अंथवाल जी उत्तराखंड क्रांति दल के संगठन मंत्री के साथ राजनैतिक क्षेत्र में पदार्पण कर रहे हैं. मेरी ओर से आपको बहुत बहुत बधाई एबं शुभकामनाएं.
मेरा मानना है कि उत्तराखंड क्रांति दल ने स्वर्गीय श्री इंद्रमणि बडोनी जी के नेतृत्व में पृथक राज्य दिलाने में बहुत अग्रणी भूमिका निभाई, लेकिन राज्य के गठन के बाद जो अपेक्षाएं इस पार्टी से थीं उस पर वो खरे नहीं उत्तर पाए, इसके कारण अनेक हैं और इनकी कमजोरी का फायदा लगातार 2 राष्ट्रीय दल उठाते रहे. क्षेत्रीय दलों ने कई राज्यों में जनमानस की आकांक्षा के हिसाब से अभुतपूर्व काम किये हैं और राज्यों को प्रखर पर लाने का काम किया है. समय आ गया है कि उत्तराखंड में भी पहाड़ की रीढ़ माने जाने वाले उत्तराखंड क्रांति दल को फिर से जनता के समक्ष नए विचारों और नई सोच के साथ पेश करके पहाड़ी राज्य की परिकल्पना पर फिर से काम करना चाहिए. आशा है कि कुछ ऐसे चेहरे इससे जुड़ रहे हैं जो जनता से सीधे संवाद कर इस दल की जड़ों को मजबूत कर पाएंगे. इस लिहाज से आपका और इससे पहले श्री संदीप आर्य जी जैसे सक्षम लोगों का इस दल में समावेश, बहुत सुखद समाचार है. आपको ढेर सारी शुभकामनाएं. धन्यबाद.
यह जानकार अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आप राज्य निर्माण की अलख जगाने वाले और पृथक राज्य के अग्रणी दल, उत्तराखंड क्रांति दल के संगठन मंत्री पद पर विराजमान हुए हैं. बहुत बहुत बधाई. हमें पूर्ण विश्वास है कि आपकी यह नियुक्ति उक्रांद को नई दिशा देगी और राज्य में पुनः उक्रांद को जीवित करने के प्रयासों को संजीवनी देगी. आपका जुड़ना इस लिए भी खास है कि आपने राज्य निर्माता स्व. बडोनी जी के साथ उस दौर में भी संघर्ष किया है और आज जबकि राज्य निर्माण के दो दशक बाद भी यह दल बडोनी जी की जन्मस्थली में ही नेतृत्व के लिये तरस रहा है, ऐसे में आपका जुड़ना मायने रखता है. मेरी और से पुनः बहुत बहुत बधाई सर.
-गोविंद आर्य, पत्रकार