मुंबई. इस कलिकाल (कलियुग) में आज पूरा विश्व कॅरोना वायरस से दुख पीड़ित है, परंतु आचार्य उमाशंकर अंथवाल (शाश्त्री) जी ने विश्वास दिलाया है यह महारोग, जो कि विश्व के लिए महामारी बन गया है, अब धीरे-धीरे समाप्त हो जायेगा. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने यह भविष्य वाणी लगभग 10000 वर्ष पूर्व श्री नारद संहिताः के अनुसार की है.
जगदी यज्ञ के प्रधानाचार्य आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि कलि काले महारोगो मध्य स्यार्घ च बृष्टया दुःखिनो जन्तवः सर्वे सवंत्सर परिधावनी,,,,नव सवंतसरो यश्य सर्वे प्राणी सुखानि च महां रोगो प्रसंताश्च दुखिना सुखतास्चयो…..
अर्थात (कलिकाल-कलियुग) में 5200 वर्ष बीत जाने के पश्चात कलियुग के प्रथम चरण में महारोग नामक एक रोग की उत्पत्ति होगी, जो की परिधावी नामक सव्वंतसर में महामारी का रूप लेगी. इस महामारी के प्रभाव से सभी जीव जंतु, सभी प्राणी दुखी होंगे.
आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि जब चैत्र शुक्ल पक्ष में नया संवतसर प्रमाथी नामक सवंत्सर प्रारम्भ होगा (नवरात्री) से जो की 25/मार्च 2020 से प्रारंभ है. इस वसंतकालीन नवरात्रि से कोरोना की महामारी समाप्त होगी. इसके बाद सभी जीव सुखी रहेंगे. ये श्री नारद संहिताः और भविष्य पुराण के अंतर्गत बताया गया है. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि आजकल की जो संस्कृति है वो काफी परवर्तित हो गई है, जिस सत्कर्म के लिए परमात्मा ने इस संसार में मनुष्य को भेजा है, वही मनुष्य को वही सत्कर्म का पालन करना चाहिए. मनुष्य को अपने संस्कार और संस्कृति को मध्यनजर रखते हुए उसका पालन करना चाहिए. साथ ही देश के कानून का भी इसी प्रकार पालन करना चाहिए.
हवन से दूर होते हैं दिखाई न देने वाले कोरोना जैसे वायरस
आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि अपने इष्ट देवता की पूजा समय समय पर करते रहें, हवन यज्ञ पूजन पाठ करें. यज्ञ हवन से सभी वातावरण शुद्ध होता है और कई प्रकार के कोरोना जैसे (जीवाणु) कीटाणु, जो हमें दिखाई भी नहीं देते हैं, वे यज्ञ हवन करने से नष्ट हो जाते हैं. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि मैं पूरे विश्व को UKKHABAR.COM के जरिए अवगत कराना चाहता हूं कि आप इस कारोना वायरस के प्रभाव से घबराएं नहीं, परंतु ज्यादातर सतर्क रहने की जरूरत है. ज्यादातर लोगों के बीच में अपना समय न दें, क्योंकि अभी कॅरोना वायरस का प्रभाव है और यह नवरात्रि से समाप्त होगा. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति नवरात्रि तक अपने को संक्रमण से बचा ले और धर्म मर्यादा, देश के कानून का पालन कर ले तो उसे कुछ भी नहीं होगा.
जो लोग देश विदेश से घर लौट रहे हैं वे यज्ञ हवन करें
आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि जो लोग देश विदेश से घर लौट रहे हैं वे अपने संस्कार, संस्कृति का पालन करें और परमात्मा का गुणानुवाद करें. अपने घरों में ही रहकर ज्यादातर समय धार्मिक मार्ग का अनुसरण करें. यज्ञ हवन करें. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि जब जिस बीमारी का इलाज डाक्टर के पास भी न हो, समझ लीजिए इस बीमारी का इलाज सिर्फ और सिर्फ भगवान के पास है और भगवान को स्मरण करने, प्रभु का ध्यान करने के लिए लोगों को खुद को आइसोलेट करना ही बचाव का मार्ग है. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि अपने सभी उत्तराखंड के सभी जनों को सभी बंधुओं को में विश्वास दिलाता हूं कि जिनका जन्म देवभूमि उत्तराखंड में हुआ है, भारत भूमि में हुआ है, जहाँ 33 करोड़ देवी देवताओं) का निवाश है, उन्हें भारत मे ही नहीं विदेश की धरती में भी कुछ नहीं होगा.
देश विदेश में उत्तराखंड देवभूमि के निवासी रहेंगे सुरक्षित
आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि हम तो उत्तराखंड भूमि के निवासी हैं जहाँ साक्षात माँ भगवती जगत जननी (माँ जगदी), ज्वाल्पा, भगवान नारायण, पंचनाम देवता, नागेला नागेंद्र देवता, छेत्रपाल पगरिया देवता, ईस्ट कुल देवता हमें दर्शन देते हैं, ऐसी देवभूमि के लोगों को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, सिर्फ सर्तकता बरतें. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि केदारनाथ भूमि में जब 2013 में प्रलय हुआ था, परंतु भगवान केदारनाथ जी के मंदिर को किसी भी प्रकार की छति नहीं पहुंची. भगवान शंकर (रूद्र) ही संहार करता है, जब कई प्रकार के पापाचार, दुराचार, भ्रस्टाचार आदि कर्म इस धरती पर बढ़ते हैं तब भगवान ऐसी चेतावनियों के रूप में अपना संकेत देता है.
आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने कहा कि उत्तराखंड के सभी लोग अपनी सतर्कता बरतें और साफ़ स्वच्छ रहने का प्रयास करें. आचार्य उमाशंकर अंथवाल ने फिर दोहराया कि माँ भगवती जगदी, ज्वाल्पा सभी लोगों की देश विदेश तक रक्षा करेगी. इस प्रकार परमात्मा माँ भगवती (जगदी )से इस महामारी समाप्त होने की शीघ्र कामना करें.
क्षेत्रवासियों की रक्षा के लिए जनता कर्फ्यू के दौरान की पूजा
जगदी यज्ञ के प्रधानाचार्य उमाशंकर अंथवाल जी ने कल देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अपील पर जनता कर्फ्यू के दौरान पूरे दिन प्रातः कालीन सत्र से पूजापाठ कर क्षेत्रवासियों की रक्षा के लिए पाठ किया. अंथवाल जी ने मां जगदी भगवती का पाठ, हवन यज्ञ कर महामारी से बचाने की कामना की. अंथवाल जी ने उत्तराखंवासियों के साथ ही विश्व कल्याण के लिए के लिए मंत्रोंच्चार से धार्मिक अनुष्ठान किया.
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरायमयः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कश्चिद दुखः भागभवेत,,,ॐ शांति शांति शान्ति
आचार्य उमाशंकर अंथवाल (शाश्त्री) व्याकरणाचार्य, ग्राम अंथवाल गांव, पट्टी हिंदाव जनपद (टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड), दूरभाष संपर्क, 9756137727/9930525316
मुंबई में भी उपलब्ध हैं आचार्य उमाशंकर अंथवाल