टिहरी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए अभी भले डेढ़ साल का समय बाकी है, लेकिन 2022 के उम्मीदवार अभी से दिन रात चुनाव की तैयारियों पर जुट गए हैं. भाजपा सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कई क्षेत्रों में वर्तमान विधायकों की शिथिल कार्य प्रणाली से उस क्षेत्र की जनता का मूड देख अब नए उम्मीदवार आगामी चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार प्रसार में जुट गए हैं. जिन सीटों पर वर्तमान प्रत्याशी के खिलाफ जनता में नाराजगी है, उन सीटों पर नए उम्मीदवार दिन रात जनता के बीच लगातार संपर्क कर अपने लिए जगह तलाशने लगे हैं.
जनता के लबों पर गुनगुनाने लगा उर्मिला का नाम
उत्तराखंड के टिहरी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व छात्रसंघ सचिव रही श्रीमती उर्मिला महर सिलकोटी 2022 के चुनाव में ताल ठोंकने जा रही हैं. जनसंपर्क और प्रचार प्रसार के लिए उर्मिला महर सिलकोटी का चुनौ कु हल्ला… गीत भी रिलीज हो गया है. 2022 से पहले ही टिहरी विधानसभा क्षेत्र में इस गीत ने अन्य उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है. युवा गायक अमित सकलानी द्वारा गाए गए इसी प्रचार गीत को टिहरी विधानसभा क्षेत्र के लोग गुनगुनाने ही नहीं लगे हैं, बल्कि अभी से उर्मिला महर के समर्थन में मन बनाने लगे हैं. कई लोग फोन कर उर्मिला महर को शुभकामनाएं भी देने लगे हैं.
दीदी के नाम से जानी जाती हैं उर्मिला महर सिलकोटी
बतादें कि उर्मिला महर सिलकोटी टिहरी विधानसभा क्षेत्र में दीदी के नाम से जानी जाती हैं. सामाजिक कार्यों में अग्रिम पंक्ति में रहने वाली उर्मिला महर का मायका पट्टी नैलचामी भिलंगना ब्लॉक घनसाली है तो ससुराल कोठी हिंडोलाखाल, खासपट्टी में है. पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उर्मिला महर के पति सेना में वीरता पदक हासिल करने वाले जांबाज हैं.
उर्मिला महर ने 1994 के उत्तराखंड आंदोलन में आंदोलन कारी के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई है. अध्ययन काल से ही राजनीति में सक्रिय उर्मिला महर 1998 में S.R.T.C डिग्री कालेज की छात्रसंघ सचिव रही हैं. टिहरी डिग्री कालेज को बादशाही थौल लाने को आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई. टिहरी में शराब विरोधी आंदोलन, साक्षरता मिशन, कला जत्था, नेहरू युवा केन्द्र में सामाजिक हित के लिए गौ सेवा से जुड़ कर भी उर्मिला महर समाजसेवा के पटल पर कार्य किए हैं.
2013 में नई टिहरी नगर पालिका में सभासद रह कर किए काम
2013 में नई टिहरी नगर पालिका में सभासद रह कर अपने वार्ड के लिए जनहित के कार्यों के साथ ही 2013 से निकाय एक्ट के गलत नियम संशोधन के लिए आवाज बुलंद की है. नगर पालिका में रहकर रास्ते, जंगले, जिम पार्क बनवाये. कुलदेव घंटाकर्ण श्री घंडियाल देवता और कुलदेवी खासपट्टी की माँ चंद्रबदनी की भक्त उर्मिला महर सिलकोटी क्षेत्र में महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों के बीच ईमानदार छवि की नेता के रूप में जानी जाती हैं.
“मेरी लोकप्रियता से डरते हैं स्थानीय नेता”
उर्मिला महर बताती हैं कि टिहरी गढ़वाल में जनता के बीच कालेज जीवन से ही मेरी लोकप्रियता के कारण भाजपा के स्थानीय नेताओं ने मेरा नाम कभी पार्टी नेतृत्व के सामने बड़े पदों के लिए नहीं रखा. महर बताती हैं कि अगर भाजपा महिलाओं को प्राथमिकता देती और मुझे टिकट देती तो कालेज के बाद मैं नगर पालिका अध्यक्ष बन जाती.
भाजपा से लंबे समय तक कार्यकर्ता के रुप में जुड़ी रही उर्मिला महर बताती हैं कि टिहरी में मेरी लोकप्रियता से डरे स्थानीय नेताओं ने मुझे ही पार्टी से निष्कासित करवा दिया, वह भी बिना नोटिस के जब मैंने जवाब मांगे तो मेरे पत्रों का जबाब नहीं दिया गया.
2022 में जनता के बीच जा रही हूं: उर्मिला महर
उर्मिला महर कहती हैं, अब मैं 2022 में टिहरी विधानसभा से जनता के बीच जा रही हूं, सूर्यवंशी हूँ, जन्म से टिहरी मे हूँ शिक्षा दीक्षा यहीं हुई. लोगों की पेंशन लगवाने, गाँव गाँव गाय बचाने की मुहिम, गरीब बच्चों की मदद युवाओं को मदद यहां तक रास्ते में कोई बिना कपड़े का मिले तो अपी स्वैटर शाल भी अपनी दे देती हूँ. कोई गरीब बिना चप्पल के मिले तो अपने चप्पल पहनाकर खुद नंगे पांव रहने से भी परहेज नहीं है. टिहरी में पानी, बिजली, टेलीफोन की समस्या पर लोगों के साथ रही हूं.
मायके और ससुराल की जनता देगी महिला शक्ति का साथ
उर्मिला महर बताती हैं मेरे समय में कालेज में चुनाव लड़ना कठिन था लड़की के लिए, बहुतों ने डराया, लेकिन डरी नहीं, लड़ी और जीत गई. इस बार टिहरी से लडूंगी और मायके और ससुराल की जनता टिहरी से महिला शक्ति को विजय बनाएगी. उर्मिला महर ने कहा कि टिहरी से चुनाव जीत कर यहां की महिलाओं के लिए कार्य करना, बुरी स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करना, टिहरी के अस्पताल की दशा सुधारने युवाओं के लिए रोजगार और गांव गांव के हर परिवार तक विकास पहुंचाने के लिए प्राथमिकता होगी. क्योंकि अभी केवल जनप्रतिनिधियों के नाते रिश्तेदारों, कमीशन देने वालों, कुछ खास ठेकेदारों तक ही विकास पहुंचता है, जनता हर बार चुनाव के बाद अपने को ठगा सा ही महसूस करती है. मेरे विधानसभा क्षेत्र की जनता इस बार ठगी नहीं जाएगी, मैं इस संकल्प के साथ जनता के लिए चुनाव विधानसभा लडूंगी.