घनसाली. कहते हैं हमलावर कितना भी चालाक क्यों न हो, एक न एक दिन वह अपनी ही चालाकी में फंस जाता है. यह वाकया कल रात टिहरी जनपद के घनसाली में देखने को मिला है, जब कुत्ते को निवाला बनाने आया वाघ खुद कुत्ते की सांखल यानी चैन में फंस गया.
पहाड़ की दहाड़ के वरिष्ठ पत्रकार श्री तेजराम सेमवाल जी के अनुसार, वाघ विगत एक माह से घनसाली नगर में कभी स्कूल तो कभी घरों में चहलकदमी करते देखा गया था. जहां स्थानीय निवासी दहशत में थे और वन विभाग भी वाघ के हाथ न आने से सकते में था. वाघ देखे जाने के बाद वन विभाग के कर्मियों ने वाघ से बचने के लिए हवाई फायर से लेकर घनसाली क्षेत्र में माईक से वाघ होने की सूचना देकर घरों में रहने व सावधानी बरतने की अपील की थी.
बीती रात को गैस एजेन्सी घनसाली के ऊपर एक मकान की दूसरे मंजिल पर बंधे कुत्ते पर वाघ ने अपना शिकार बनाने उस पर हमला कर दिया. हमले में कुत्ता को वाघ ने मार दिया, लेकिन कुत्ते की चैन में बाघ खुद फंस गया और वह भाग नहीं सका. इस बात की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गयी और तत्काल वन विभाग के कर्मियों द्वारा उक्त क्षेत्र को कवर कर परिवार को अंदर ही रहइस दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग जमा होने लगे. स्थानीय तहसील प्रशासन पुलिस व वन विभाग की टीम ने लोगों को दूर दूर रहने की सलाह दी.
नई टिहरी से वन विभाग की टीम के सदस्य रमेश थपलियाल, लक्ष्मण सिंह सजवान, विनोद सिंह ने पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र की निगरानी में काफी मशक्कत के बाद बाघ को पकड़ कर पिंजड़े में कैद किया. इससे घनसाली नगर वासियों को वाघ की दहशत से राहत मिली है. इस अवसर पर प्रभारी रेंजर रमेश डंगवाल, वन दारोगा रविंद्र प्रसाद नैथानी वन रक्षक संजय डोभाल, विक्रम कैन्तुरा, राकेश सकलानी, कु. मनीषा, भवानंद सेमवाल, तहसील दार मेहशा शाह, राजस्व निरीक्षक रमेश सिंह गुसाईं , राजस्व उप निरीक्षक विनोद नाथ व पुलिस विभाग के सिपाही व इंस्पेक्टर उपस्थित थे.